प्रयागराज, प्रतियोगी परीक्षाओं के तर्ज पर अब प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) राज्य विश्वविद्यालय नकल पर अंकुश लगाने के लिए अपनी परीक्षाओं में फेस मैचिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करेगा। इसके लिए बीते शुक्रवार को प्रयोग के तौर पर विवि प्रशासन ने विधि एवं बीएड सम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान लाला लक्ष्मी नारायण महाविद्यालय सिरसा और प्रयाग महिला विद्यापीठ डिग्री कॉलेज में फेस रिकग्निशन डिवाइस से परीक्षार्थियों की पहचान की गई। इसमें तीन छात्र दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते पकड़े गए, जबकि 12 संदिग्ध छात्र चिह्नित किए गए।
इस पर विवि प्रशासन ने दोनों महाविद्यालयों को परीक्षार्थियों की फोटो भेजी है। साथ ही पत्र भेजकर कॉलेज प्रशासन से परीक्षार्थियों की पहचान पुष्ट करने के लिए उनके आधार नंबर, उनकी वोटर आईडी और उनके ड्राइविंग लाइसेंस की प्रति दोनों महाविद्यालयों से विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय की वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षा में सॉल्वर बैठाने की शिकायत बराबर मिल रही थी। इन पर नकेल कसने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। बीते शुक्रवार को प्रकरण सामने आने के बाद अब राज्य विश्वविद्यालय इस पूरी व्यवस्था को अपनी सभी परीक्षाओं में लागू करने जा रहा है।
आगे आने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं में परीक्षार्थी की फोटो और उनके नमूने की जांच फेस मैचिंग सॉफ्टवेयर से की जाएगी। रजिस्ट्रार की ओर से जारी पत्र के अनुसार जिन संदिग्धों का पकड़ा गया है उनके प्रवेश पत्र पर लगे फोटोग्राफ सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थी की ली गई फोटो में भिन्नता पाई गई है। कॉलेज पत्र लिखकर संदिग्ध छात्रों के जरूरी कागजात उपलब्ध कराने को कहा है ताकि विश्वविद्यालय विधिक कार्रवाई शुरू कर सके।
आगे आने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं में परीक्षार्थी की फोटो और उनके नमूने की जांच फेस मैचिंग सॉफ्टवेयर से की जाएगी। रजिस्ट्रार की ओर से जारी पत्र के अनुसार जिन संदिग्धों का पकड़ा गया है उनके प्रवेश पत्र पर लगे फोटोग्राफ सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थी की ली गई फोटो में भिन्नता पाई गई है। कॉलेज पत्र लिखकर संदिग्ध छात्रों के जरूरी कागजात उपलब्ध कराने को कहा है ताकि विश्वविद्यालय विधिक कार्रवाई शुरू कर सके।