आयोग बने तो शिक्षक पात्रता परीक्षा का सपना पूरा हो


प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए डीएलएड और बीएड के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को पास करना भी अनिवार्य है। हर साल लाखों प्रतियोगी यूपी टीईटी में शामिल होते हैं, लेकिन 2021 के बाद से यूपी टीईटी नहीं होने से लाखों छात्र टकटकी लगाए बैठे हैं।


यूपी टीईटी अभी तक यूपी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की तरफ से कराई जाती थी। कोरोना काल के बाद प्रतियोगी छात्र उम्मीद लगाए बैठे थे कि स्थितियां पटरी पर आ जाएंगी। इसी बीच शासन की तरफ से निर्णय लिया गया कि शिक्षक भर्तियों के साथ ही यूपी टीईटी कराने की जिम्मेदारी भी नए शिक्षा चयन आयोग पर रहेगी।

नए आयोग के गठन की तैयारी 2019 से चल रही है, लेकिन आज तक इसके गठन को मंजूरी नहीं मिल सकी। ऐसे में शिक्षक भर्ती के साथ ही यूपी टेट भी नए आयोग के चक्कर में अटक गई। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि प्रयागराज में हजारों की संख्या में टेट की तैयारी में जुटे छात्र किराए के कमरे का खर्च नहीं उठा पाने के कारण घर लौट चुके हैं।


छात्र अनिल कुमार उपाध्याय का कहना है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की भर्ती के लिए जरूरी टीईटी की तैयारी लगातार चल रही है, लेकिन अभी तक परीक्षा नहीं हो सकी। वहीं, छात्र मोर्चा के वरुण शर्मा ने कहा, एक तरफ बिहार सरकार ने पिछले दिनों डेढ़ लाख शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया, लेकिन यूपी में शिक्षक पात्रता परीक्षा तक नहीं हो पा रही है.