प्रतापगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात अध्यापिकाओं को चाइल्ड केयर लीव (बाल्य देखभाल अवकाश) अब एक बार में सिर्फ 30 दिन का अवकाश मिलेगा। इससे अधिक अवकाश की संस्तुति करने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों के खुलते ही बड़ी संख्या में अध्यापिकाओं ने चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन कर दिया है। एक जुलाई से छह जुलाई के बीच 178 अध्यापिकाओं के 90 दिन अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया है। इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में अध्यापिकाओं के आवेदन से आने से विभाग की चिंता बढ़ गई है। विभाग का मानना है कि जब पठन-पाठन समय आया, तो अध्यापिकाएं अवकाश पर जा रही हैं।
बीएसए ने बृहस्पतिवार को पत्र जारी करके कहा है कि चाइल्ड केयर लीव के लिए एक बार में 30 दिन से अधिक अवकाश नहीं मिलेगा। अगर कोई खंड शिक्षा अधिकारी इससे अधिक दिनों की संस्तुति करता है, तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा। बीएसए भूपेंद्र सिंह ने बताया कि अवकाश देने से किसी को मना नहीं किया जा रहा है, मगर कुछ अध्यापिकाएं छुट्टी का कोटा पूरा करने के लिए अवकाश का आवेदन दे रही हैं। जबकि तीन जुलाई से स्कूल खुल गए हैं और स्कूलों में पठन-पाठन प्रारंभ हो गया है। संवाद
बीएसए ने बृहस्पतिवार को पत्र जारी करके कहा है कि चाइल्ड केयर लीव के लिए एक बार में 30 दिन से अधिक अवकाश नहीं मिलेगा। अगर कोई खंड शिक्षा अधिकारी इससे अधिक दिनों की संस्तुति करता है, तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा। बीएसए भूपेंद्र सिंह ने बताया कि अवकाश देने से किसी को मना नहीं किया जा रहा है, मगर कुछ अध्यापिकाएं छुट्टी का कोटा पूरा करने के लिए अवकाश का आवेदन दे रही हैं। जबकि तीन जुलाई से स्कूल खुल गए हैं और स्कूलों में पठन-पाठन प्रारंभ हो गया है। संवाद