बरेली, रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में एनवायरमेंटल स्टडीज की कक्षा में मांसाहार की चर्चा पर विवाद खड़ा हो गया। छात्रों ने शिक्षक पर मांसाहार को प्रमोट करते हुए सावन और मंगलवार को मांस न खाने वालों को ढोंगी कहने का आरोप लगाया है। विरोध पर धमकाने का भी आरोप है। शिक्षक ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि वह सिर्फ बच्चों को उदाहरण देकर पढ़ा रहे थे।
मामला बीफार्मा की कक्षा से जुड़ा हुआ है। छात्र नेता रजत मिश्रा ने बताया, उनका छोटा भाई विनय मिश्रा बीफार्मा द्वितीय सेमेस्टर का छात्र है। 22 जुलाई को जब वह विभाग में गया तो कुछ शिक्षकों ने उस पर मीडियाबाजी का आरोप लगाते हुए करियर चौपट करने की धमकी दी। आरोप है कि एक शिक्षक ने उसे जूता मारते हुए पूरे कैंपस में घुमाने की बात भी कही। दरअसल पूरा वाकया गुरुवार की घटना से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि गुरुवार को उनके एक शिक्षक ने कक्षा के दौरान मांसाहार को अच्छा बताया। शिक्षक ने कहा कि जो लोग सावन या मंगलवार को मांस नहीं खाते हैं वह ढोंग करते हैं। मांसाहार के बिना व्यक्ति स्वस्थ नहीं रह सकता है। किसी भी किताब में नहीं लिखा है कि मांस मत खाओ। आरोप है कि इससे पहले भी शिक्षक छात्रों के साथ दुर्व्यवहार कर चुके हैं। रजत ने कहा कि लोगों को लग रहा है कि यह प्रकरण मीडिया तक विनय ने पहुंचाया। इसलिए उसे टार्चर कर रहे हैं। रजत ने छात्रों के साथ सोमवार को कुलपति से मिलकर शिकायत करने की बात कही है।
शिक्षक ने किया आरोपों का खंडन आरोपी शिक्षक ने खंडन करते हुए बताया कि एनवायरमेंटल स्टडीज की कक्षा लेते हुए उन्होंने यह कहा था कि मांस विटामिन का बड़ा स्रोत होता है। इस पर एक छात्र बहस करने लगा। छात्र का कहना था कि हमारे ग्रंथों में लिखा है कि अपना शौक पूरा करने के लिए किसी की जान नहीं रह सकते हैं। इस पर मैंने उसे शांतिपूर्ण तरह से समझा दिया कि मैं किसी भी ग्रंथ पर टीका टिप्पणी नहीं कर रहा हूं। चर्चा करते हुए मैंने यह भी कह दिया कि मेरे नाना ने जीवन भर कभी मीट नहीं खाया मगर एक बार डॉक्टर के कहने पर उन्हें इसका सेवन करना पड़ा। इसी बात को बतंगड़ बना दिया गया। किसी भी छात्र को न पहले धमकाया गया है और न अब धमकाया गया। हेड शोभना सिंह ने भी आरोपों को झूठा कहा है।