बीईओ व शिक्षक लापरवाह : पोर्टल पर 18452 शिक्षकों को करना था प्रोफाइल अपलोड, मात्र 743 ने ही किया


जिले में शिक्षा विभाग की लेटलतीफी कार्यशैली के कारण कई अच्छी योजनाएं ससमय लागू नहीं हो पाती है। इसकी वजह कहीं ना कहीं दोषियों पर कार्वाई नहीं करने की कार्यशैली भी है। शिक्षक, बीईओ या हेडमास्टर लगता है कि डीपीओ, डीईओ या राज्यस्तरीय किसी पदाधिकारियों के आदेश की परवाह ही नहीं करते हैं। एक ऐसी ही योजना है ई-शिक्षा कोष सॉफ्टवेयर। ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है जिसमें जिले में कितने शिक्षक हैं, कितने सेवानिवृत हो चुके हैं, वेतन मद में कितना भुगतान, ज्वाईनिंग डेट, पे स्केल से लेकर शिक्षकों से संबंधित हर डाटा इसमें अपडेट रहना है। लेकिन बीईओ व शिक्षकोें की लापरवाही के कारण अबतक इसका पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। जबकि विभाग कई बार इसको लेकर शिक्षकों के साथ साथ अधिकारियों को भी इससे संबंधित प्रशिक्षण दे चुका है। लेकिन फिर भी अब तक 18452 शिक्षकों में से सिर्फ 743 शिक्षकों ने ही इसपर अपना निबंधन करवाया है। जबकि शिक्षकों के निबंधन करवाने की आखिरी तिथि 30 जून तक ही निर्धारित की गई थी। अब आखिरी तिथि 20 जुलाई की गई है, लेकिन अभी रफ्तार देखकर लग नहीं रहा है कि निर्धारित समय तक शिक्षक अपना निबंधन करवा सकेंगे।






संभाग प्रभारी ने बताया कि जिले के सभी शिक्षकों को यूजर आईडी और पासवर्ड मिल गया है। शिक्षक सबसे पहले लॉगइन कर अपनी सारी जानकारी अपलोड करेंगे। शिक्षकों को किस स्कूल में पढ़ाते थे, वर्तमान में किस स्कूल में पढ़ा रहे हैं, कब ज्वाइन किया से लेकर और अन्य सभी जानकारी अपलोड करनी होगी। इसी पर उपस्थिति भी बनेगी कि शिक्षक कब विद्यालय आए और कब स्कूल से निकले।



अंधराठाढी में 930 शिक्षकों में से 80 ने, बाबूबरही में 949 शिक्षकों में से 29, बासोपट्‌टी में 623 शिक्षकों में से 38, बेनीपट्टी में 1277 शिक्षकों में से 49, बिस्फी के 1073 शिक्षकों में से 14, घोघरडीहा में 863 शिक्षकों में से 5, हरलाखी में 724 शिक्षकों में से 34, जयनगर में 779 शिक्षकों में से 04, झंझारपुर में 855 शिक्षकों में से 49, कलुआही में 425 शिक्षकों में से 18, खजौली में 549 शिक्षकों में से 00, खुटौना में 960 शिक्षकों में से 43, लदनियां में 804 शिक्षकों में से 29, लखनौर में 722 शिक्षकों में से 18, लौकही में 948 शिक्षकों में से 07, मधेपुर में 896 शिक्षकों में से 29, मधवापुर में 591 शिक्षकों में से 18, पंडौल में 1095 शिक्षकों में से 60, फुलपरास में 808 शिक्षकों में से 43, रहिका के 1520 शिक्षकों में से 93 और राजनगर के 1061 शिक्षकों में से 80 ने निबंधन कराया है।