लखनऊ। प्रदेश के कई निजी नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग में नियम विरुद्ध दाखिलों का मामला प्रकाश में आया है। करीब 110 ऐसे छात्रों को दाखिला दे दिया गया है जिन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा दी ही नहीं। जबकि बिना प्रवेश परीक्षा किसी को दाखिला नहीं दिया जाना था।
मामले में जांच शुरू हो गई है। सभी कॉलेजों से दाखिलों का नए सिरे से ब्योरा मांगा गया है। ऐसे कॉलेजों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी है। इसी तरह करीब 137 छात्र ऐसे मिलें हैं जिन्होंने काउंसिलिंग के दौरान तय किए गए कॉलेज के बजाय मनचाहे कॉलेज में दाखिला ले लिया। इन दोनों कैटेगरी के छात्रों को वार्षिक परीक्षा से रोक दिया गया है। यह पूरा मामला सत्र 2022-23 से जुड़ा है। इस वर्ष के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के सभी संस्थानों में बीएससी नर्सिंग में दाखिले के लिए केंद्रीयकृत व्यवस्था बनाई गई थी। फर्जीवाड़ा तब खुला जब छात्रों की वार्षिक परीक्षा आवेदन का मिलान काउंसिलिंग वाले दस्तावेज से किया गया।