प्रयागराज | कृषि प्राविधिक सहायक भर्ती-2013 में शामिल होने के बाद ओवरएज हो चुके अभ्यर्थियों का डाटा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में फंसा है। आयोग की ओर यह डाटा उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) को भेजा जाना की थी। है, ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन अभ्यर्थियों को कृषि प्राविधिक सहायक की अगली भर्ती में शामिल किया जा सके।
कृषि प्राविधिक सहायक भर्ती 2013 में त्रिस्तरीय आरक्षण का विवाद कोर्ट में गया था। हाईकोर्ट ने भर्ती निरस्त कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए भर्ती को हरी झंडी दे दी थी। साथ ही भर्ती में शामिल 906 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया था। ये अभ्यर्थी 2013 की भर्ती के बाद ओवरएज हो गए थे, सो उन्होंने आयु सीमा में छूट देने या अगली भर्ती में शामिल होने की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2019 में आदेश दिया कि इन 906 अभ्यर्थियों को कृषि प्राविधिक सहायक की अगली भर्ती में शामिल किया जाए। पहले यह भर्ती यूपीपीएससी कराता था, लेकिन अब यूपीएसएसएससी के पास यह भर्ती चली गई है। यूपीएसएसएससी के अध्यक्ष प्रवीन कुमार ने पिछले दिनों एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि 906 अभ्यर्थियों का डाटा मांगा गया है।
डाटा मिलते ही भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाएगा। अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि 3466 पदों पर भर्ती का विज्ञापन तैयार है। इस बीच प्रतियोगी छात्र यूपीपीएससी को तीन बार पत्र लिखकर डाटा भेजने की मांग कर चुके हैं, ताकि भर्ती शीघ्र शुरू हो सके।
बिना पीईटी के परीक्षा में शामिल होंगे आवेरएज अभ्यर्थी
यूपीएसएसएससी की भर्ती में शामिल होने के लिए प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (पीईटी) में शामिल होना अनिवार्य है, लेकिन कृषि प्राविधिक सहायक- 2013 की भर्ती में शामिल होने के बाद ओवरएज हो चुके अभ्यर्थी बिना पीईटी में शामिल हुए कृषि प्राविधिक सहायक की नई भर्ती के लिए आवेदन करेंगे। इनके आवेदन करने के लिए यूपीएसएसएससी ने एनआईसी के माध्यम से अलग से सॉफ्टवेयर तैयार कराया है।
■ आयोग के सामने धरना-प्रदर्शन आज : 906 अभ्यर्थियों का डाटा यूपीएसएसएससी को शीघ्र भेजे जाने की मांग को लेकर कृषि प्राविधिक सहायक-2013 के अभ्यर्थी आठ जून को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अभिनव मिश्रा का कहना है कि प्रतियोगियों की ओर से तीन बार आयोग को पत्र लिखकर डाटा भेजे जाने की मांग की जा चुकी है। नई भर्ती के लिए इंतजार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में प्रतियोगियों के सामने धरना-प्रदर्शन करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।