दिनाँक 08 जून 2023
*राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने भरी हुंकार, महानिदेशक को मिलकर दिया ज्ञापन*
लखनऊ। बेसिक शिक्षकों की समस्याओं को लेकर अब राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ आर-पार के मूड में है। संगठन संघर्ष समिति बनाकर जिला, मण्डल व प्रदेश स्तर पर चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति न केवल बना चुका है अपितु उसे क्रियान्वित करने की डगर पर चल पड़ा है। इसी क्रम में गुरुवार को प्रदेश संघर्ष समिति ने महानिदेशक से भेंट कर चरणबद्व आंदोलन की रूपरेखा से अवगत कराते हुए समय से समस्याओं का निस्तारण कराने हेतु ज्ञापन दिया।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति, प्रदेश कार्यसमिति एवं मण्डलीय पदाधिकारियों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत संगठन कार्यालय सेक्टर क्यू स्थित सरस्वती विद्या मंदिर के भाऊराव जी देवरस सभागार में बैठक कर अधिकारियों द्वारा शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण में बरती जा रही लापरवाही के विरुद्ध हुंकार भरी।
संघर्ष समिति के संयोजक रामलखन भार्गव ने कहा कि सरकार और विभागीय अधिकारी शिक्षकों की समस्याओं को कम तबज्जो दे रहे हैं। आश्वासनों की घुट्टी पीते-पीते अब इन्तहा हो गयी है। अब शिक्षक आश्वासन नहीं आंदोलन की राह पर चलकर निराकरण कराकर ही दम लेंगे।
प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह ने आंदोलन की रूपरेखा बताते हुए चरणबद्व तिथियों सहित कार्यक्रम घोषित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक एकजुट होकर आंदोलन की राह पर चलें। उन्होंने शिक्षकों से आवाहन किया कि वे दायित्वों के प्रति जितने सजग हैं उतने ही अपने अधिकारों की माँग को लेकर अग्रणी भूमिका का निर्वहन करें।
संगठन कार्यालय से बड़ी संख्या में संघर्ष समिति के सदस्य शिक्षक काफिले के साथ महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद से मिलने निशातगंज स्थित कार्यालय पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक को पूर्व में अब तक दिए गए ज्ञापनों की प्रतियाँ संलग्न कर आंदोलन की रणनीति एवं रूपरेखा सम्बन्धी चरणबद्व कार्यक्रम सौंपा।
प्रदेश संयुक्त मंत्री शशांक कुमार पाण्डेय ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा से केंद्र के समान राज्य में पेंशन मेमोरेंडम लाकर 1 अप्रैल 2005 के पुर्व के विज्ञापन से नियुक्त शिक्षकों को भी पेंशन विकल्प चुनने का अवसर देने के लिए की गई मांग पर कार्यवाही करने के लिए कहा |
महानिदेशक विजय किरण आनंद ने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि वे उनकी समस्याओं के निदान के लिए प्रतिबद्ध हैं। 17140 व 18150 वेतनमान जैसी समस्याओं को शासन स्तर से शीघ्र हल कराने का आश्वासन दिया। इसके अलावा 1 अप्रैल 2005 से पूर्व विज्ञापित/प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन लागू करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि शासन स्तर से वित्तीय भार का आंकलन किया जा रहा है। शीघ्र ही इसे लागू कराया जाएगा।
इस दौरान कैशलेश चिकित्सा, पदोन्नति, स्थानांतरण/समायोजन के अलावा विभिन्न बिंदुओं पर भी चर्चा करते हुए अवगत कराया।
प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि शिक्षक अब रुकने वाला नहीं है। 20, 21 व 22 जून को जिला मुख्यालय पर क्रमशः ज्ञापन, मार्च व सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा तत्पश्चात मण्डल व प्रदेश स्तर पर आंदोलित होंगे।
इस अवसर पर प्रदेश संरक्षक श्रीकृष्ण त्रिवेदी, प्रदेश सह संयोजक मातादीन द्विवेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीराम शुक्ला, प्रताप कटियार, अखिलेश चंद्र शुक्ला, प्रदेश मंत्री सुरेंद्र पाण्डेय, जितेंद त्रिपाठी, प्रदीप तिवारी, प्रदेश कोषाध्यक्ष पवन शंकर दीक्षित, प्रदेश संयुक्त मंत्री शशांक पाण्डेय, आदित्य शुक्ल, सुभाष चंद्र यादव, रविन्द्र पंवार, प्रदेश आंतरिक अंकेक्षक संजय शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्र, प्रदेश मीडिया प्रभारी बृजेश श्रीवास्तव, पुष्पा सिंह, रुचि अरोरा, मंडलीय पदाधिकारियों में राजेश शुक्ला, धर्मेंद्र शर्मा, संजय कुमार त्रिपाठी, महेश मिश्रा, रमेश यादव, अरविंद निषाद, सुरेश सिंह, शिवप्रकाश सिंह, राजकुमार पारासर, नरेंद्र प्रकाश मिश्रा, अशोक सिंह, कार्यक्रम में विशेष रूप से प्रदीप सिंह चौहान, इलयास मंसूरी, राकेश कुमार, अनुराग सिंह राठौर, आशीष मिश्र, विनायक मिश्रा, शिवराज पाल, महेंद्र सिंह, संतोष कुमार, शशिभूषण सिंह, सुशील कुमार, भरत चित्रांशी, सोनू बाजपेयी, अम्बिका चौरसिया, कपिल त्रिवेदी, संकल्प मिश्रा आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।