अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुनर्निर्माण, निर्माण एवं अवस्थापना सुविधाओं पर खर्च होने वाली कुल धनराशि का 75 प्रतिशत धन राज्य सरकार देगी। बाकी 25 प्रतिशत धनराशि प्रबंधतंत्र को खर्च करनी होगी। एडेड माध्यमिक स्कूलों की सूरत बदलने के लिए सहयोगी अनुदान योजना की गाइडलाइन में संशोधन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। पहले एडेड स्कूलों के भवनों के जीर्णोद्धार के लिए 50 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार व 50 प्रतिशत धनराशि प्रबंधतंत्र को खर्च करनी होती थी, लेकिन इस योजना में स्कूलों के रुचि न दिखाने पर अब नियमों को शिथिल कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
प्रदेश में कुल 4,512 एडेड माध्यमिक स्कूल हैं। पहले चरण में ऐसे स्कूल जिनकी स्थापना के 70 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है, उन्हें अवसर दिया जाएगा। स्कूलों की सूरत संवारने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रबंधक और वित्त एवं लेखाधिकारी के पद नाम से किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में संयुक्त खाता खोला जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक भवन के जीर्णोद्धार व मरम्मत इत्यादि के लिए खर्च होने वाली कुल धनराशि में से 40-40 प्रतिशत धनराशि की पहली व दूसरी किस्त और 20 प्रतिशत धनराशि की तीसरी किस्त जारी करेगा। अब एडेड माध्यमिक स्कूलों के जर्जर भवन भी नए होंगे और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।