प्रयागराज : प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2013 के बाद प्रधानाचार्य भर्ती नहीं आने से अभ्यर्थी नई भर्ती की प्रतीक्षा में हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रधानाचार्य भर्ती के लिए अधियाचन मंगाया था, लेकिन भर्ती विज्ञापन जारी नहीं किया गया। बाद में पदों का सत्यापन कराने पर चयन बोर्ड को 1688 पद रिक्त तो मिले, लेकिन चयन बोर्ड में सदस्य व चेयरमैन का पद रिक्त हो जाने से भर्ती नहीं हुई। अब बेसिक से उच्च शिक्षण संस्थानों तक में शिक्षकों की भर्ती के लिए नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन की प्रक्रिया चल रही है, जिसके अधिनियम में प्रधानाचार्य भर्ती लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से कराए जाने का प्रस्ताव किया गया है। अधिनियम का गजट होने के साथ इस व्यवस्था को मंजूरी मिल जाएगी।
प्रदेश के 4500 से ज्यादा एडेड माध्यमिक विद्यालयों में से करीब आधे में स्थाई प्रधानाचार्य नहीं हैं।
पद रिक्त होने के कारण प्रभारी प्रधानाचार्य कार्य कर रहे हैं। भर्ती के लिए वर्ष 2013 में जो भर्ती आई भी थी, वह अब तक पूरी नहीं हो सकी है। वर्तमान में चयन बोर्ड में चेयरमैन व सदस्यों के नहीं होने से भर्ती होने की कोई उम्मीद भी नहीं है। अब यह भर्ती भी गठित हो रहे नए शिक्षा सेवा आयोग से कराने की तैयारी है, जिसकी प्रतीक्षा शिक्षक भर्ती की तैयारी कर बड़ी संख्या में
प्रतियोगी कर रहे हैं।
हालांकि उनमें असमंजस है कि नया आयोग पूर्व में चयन बोर्ड द्वारा लिए गए अधियाचन पर भर्ती कराएगा या और रिक्त हुए पदों का अधियाचन मंगाकर इसमें सम्मिलित कर परीक्षा कराएगा। फिलहाल, अधियाचन के संबंध में निर्णय तो आयोग के गठन के बाद लिया जाएगा, लेकिन अभी आयोग गठन की समय सीमा को लेकर ही प्रश्न बने हुए हैं।
हालांकि उनमें असमंजस है कि नया आयोग पूर्व में चयन बोर्ड द्वारा लिए गए अधियाचन पर भर्ती कराएगा या और रिक्त हुए पदों का अधियाचन मंगाकर इसमें सम्मिलित कर परीक्षा कराएगा। फिलहाल, अधियाचन के संबंध में निर्णय तो आयोग के गठन के बाद लिया जाएगा, लेकिन अभी आयोग गठन की समय सीमा को लेकर ही प्रश्न बने हुए हैं।