अब हर सेमेस्टर में होगी शुल्क भरपाई, नियमावली में होगा बड़ा बदलाव, समाज कल्याण तैयार कर रहा प्रस्ताव
लखनऊ। प्रदेश सरकार छात्रों के हित में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। इससे छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत उन्हें हर सेमेस्टर में भुगतान हो सकेगा। इतना ही नहीं पाठ्यक्रम की शुरुआत में ही उन्हें अगले सेमेस्टरों के लिए पात्रता पत्र जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग नियमावली में बदलाव का प्रस्ताव तैयार करवा रहा है।
प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को ढाई लाख रुपये और अन्य वर्गों के लिए दो लाख रुपये सालाना परिवार की आय होने पर योजना का लाभ दिया जाता है। इसमें हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्रों को करीब 3500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है। अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति एवं शुल्क
भरपाई में 60 फीसदी शेयर और जनजाति के छात्रों के लिए 75 फीसदी शेयर केंद्र सरकार का होता है। शेष वर्गों के छात्रों के लिए पूरा भुगतान राज्य सरकार अपने संसाधनों से करती है।
अभी तक की व्यवस्था में विद्यार्थियों को वित्त वर्षवार भुगतान किया जाता है। जबकि, विद्यार्थियों को अपनी फीस हर सेमेस्टर में जमा करनी होती है। अभी लागू व्यवस्था में आवेदन से लेकर भुगतान तक के लिए समयसारिणी जारी की जाती है। प्रस्तावित व्यवस्था में विद्यार्थियों को आवेदन करने के लिए पोर्टल पर वर्ष भर विकल्प उपलब्ध रहेगा। इसके लिए कोई अंतिम तिथि नहीं होगी। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि विभिन्न विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमवार प्रवेश लेने की तिथियां अलग-अलग होती हैं। रिजल्ट भी अलग-अलग समय पर जारी होते हैं.
एक बार पात्रता पत्र जारी तो आगे सभी सेमेस्टरों में भुगतान
■ नई व्यवस्था में ऑनलाइन आवेदन करने के कुछ दिनों के भीतर ही विद्यार्थियों के दस्तावेजों की जांच करके यह बता दिया जाएगा कि वे योजना के लिए पात्र हैं या नहीं। एक बार पात्रता पत्र जारी होने पर वे उस पाठ्यक्रम के शेष सेमेस्टरों के लिए भी भुगतान के पात्र माने जाएंगे। प्रस्तावित व्यवस्था के अनुसार, भुगतान हर सेमेस्टर का रिजल्ट आने के बाद होगा। इसमें विद्यार्थियों को अगर न्यूनतम अंकों का कोई मानक है, तो उसे सेमेस्टरवार पूरा करना होगा। साथ ही 75 प्रतिशत उपस्थिति भी अनिवार्य रूप से देखी जाएगी। समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक, नियमावली में बदलाव का प्रस्ताव शीघ्र ही कैबिनेट में लाया जाएगा। अंतिम निर्णय वहीं से लिया जाएगा।
जिन पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर प्रणाली लागू नहीं है, उनमें पुरानी व्यवस्था के तहत ही भुगतान होगा।
विद्यार्थियों की सुविधा के लिए छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की नियमावली में बदलाव करने पर मंथन किया जा रहा है। इसमें सेमेस्टरवार भुगतान भी शामिल है। -असीम अरुण, समाज कल्याण मंत्री