लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि छोटी-छोटी समस्याओं के लिए अधिकारी भटकाते रहते हैं। 72 हजार शिक्षक भर्ती में नियुक्त हुए शिक्षकों का कहना है कि उनकी ट्रेनिंग छह माह से बढ़ाकर दस माह कर दी गई थी। शासन ने छह माह का मानदेय तो दे दिया, लेकिन चार माह के मानदेय के लिए उन्हें दौड़ाया जा रहा है।
इन शिक्षकों का कहना है कि अधिकारी मामले का निस्तारण करने के बजाय इसे एक-दूसरे पर डाल रहे हैं। इन शिक्षकों ने बताया कि जनसुनवाई पोर्टल पर कई बार समस्या दर्ज कराई गई, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल का कहना है कि ट्रेनिंग के समय का मानदेय देने की व्यवस्था एससीईआरटी की है। ऐसे में यह प्रकरण एससीईआरटी को भेजा गया है। बेसिक शिक्षा परिषद में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के बाद के मामले आते हैं।