शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एनआईआरएफ रैंकिंग 2023 में हाथ लगी निराशा
हम उन कमियों को दूर करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं जो रैंकिंग में सुधार के प्रयासों में बाधा डालती हैं। हमारा प्रदर्शन मुख्य रूप से खराब शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के कारण प्रभावित हुआ। हम शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के बीच में हैं। परिसर में शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं। मुझे यकीन है कि छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के सहयोग से हमें 2024 में अच्छी रैंकिंग मिलेगी।
-प्रो. संगीता श्रीवास्तव, कुलपति इविवि
एनआईआरएफ में ट्रिपलआईटी की रैंकिंग में सुधार हर्ष का विषय है। आगामी वर्षो में इसमें और सुधार लाने के सभी प्रयास किए जाएंगे। प्रो. मुकुल शरद सुतावाने, निदेशक ट्रिपलआईटी
प्रयागराज,। शिक्षा मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग-2023 में संगमनगरी के प्रमुख तकनीकी और उच्च शिक्षण संस्थानों को निराशा हाथ लगी है। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) लगातार दूसरे साल ओवरऑल 100 शीर्ष शिक्षण संस्थानों में जगह बनाने में असफल रहा है। जबकि 2021 में संस्थान को 88वीं और 2020 में 93वीं रैंक मिली थी। 2019 में भी एमएनएनआईटी शीर्ष 100 संस्थानों में जगह नहीं बना सका था।
हालांकि देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एमएनएनआईटी 49वीं रैंक के साथ पांचवीं बार टॉप-50 में जगह बनाने में कामयाब रहा है। लेकिन इस बार संस्थान की रैंकिंग दो पायदान गिरी है क्योंकि 2022 में इसने 47वीं रैंक हासिल की थी। 2021 में एमएनएनआईटी को 42वीं रैंक जबकि 2020 में 48वीं रैंक मिली थी। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी), जो ओवरऑल रैंकिंग में भाग नहीं लेता है, को इंजीनियरिंग कॉलेजों में 89वीं रैंक मिली है जबकि 2022 में यह 97वें स्थान पर था।
इंजीनियरिंग कॉलेजों में ट्रिपलआईटी को 2021 में 87वीं, 2020 में 103वीं, जबकि 2019 में 82वीं रैंक मिली थी। इसी तरह, सैम हिगिनबॉटम इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) ने फार्मेसी के टॉप-100 कॉलेजों में 70वां स्थान हासिल किया है। 2022 में इसे 79वीं रैंक मिली थी, जबकि 2020 में इसने 56वीं रैंक हासिल की थी। इनके अलावा इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित प्रयागराज का कोई अन्य संस्थान एनआईआरएफ रैंकिंग में जगह नहीं बना सका है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय लगातार पांचवीं बार देश के शीर्ष-200 संस्थानों की सूची में जगह बनाने में असफल रहा है। इविवि की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने माना कि तमाम कोशिशों के बावजूद इविवि एनआईआरएफ रैंकिंग-2023 में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका है।