केंद्र सरकार ने स्कूली बसों और सार्वजनिक परिवहन सेवा की बसों में फायर अलार्म एंड प्रोटेक्टशन सिस्टम (एफएपीएस) लगाने का फैसला किया है। इसके तहत पहली अक्तूबर से सड़कों पर दौड़ने वाली बसों में उक्त अग्निरोधी सुरक्षा उपकरण लगाना अनिवार्य होगा।
सरकार के इस फैसले से करोड़ों स्कूली बच्चों और सड़क यात्रियों का सफर सुरक्षित हो सकेगा। बसों में आग लगने से यात्रियों की मौत की बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने इस बाबत 28 अप्रैल को अंतिम अधिसूचना जारी कर दी है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, स्कूली बसों और सार्वजनिक परिवहन की बसों (टाइप-3) में एफएपीएस लगाने के लिए 2022 से प्रयास किए जा रहे थे। एक अक्तूबर व उसके पश्चात की नई बसों में उक्त उपकरण लगाना अनिवार्य होगा।
धुएं के साथ काम करेगा सिस्टम
यह उपकरण बस में धुआं उठने पर अलार्म बजाने के साथ ही आग बुझाना शुरू कर देगा। सरकार ने इंजन गरम होने या शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिए उपकरण लगाने की व्यवस्था की थी। पर यह सिर्फ बस के इंजन तक सीमित था। अह एफएपीएस सिस्टम उन जगहों पर भी लगेगा जहां यात्री बैठते हैं। इस उपकरण के लगने से स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं और सार्वजनिक परिवहन बसों में सफर करने वाले यात्रियों को सुरक्षा का कवच मिलेगा। उनका सफर काफी सुरक्षित और सकुशल होगा।