लखनऊ : परिषदीय प्राइमरी विद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन के लिए ज्येष्ठता सूची जारी करने की तारीख एक बार फिर बढ़ाकर 16 मई कर दी गई है। तीन महीने में ये 10वीं बार तारीख बढ़ाई है। अभी तक सिर्फ 32 जिले ही ज्येष्ठता सूची अपलोड कर पाए हैं। इन जिलों से बेसिक शिक्षा परिषद ने प्रमाण पत्र मांगा
है कि ये अंतिम ज्येष्ठता सूची है।
प्राइमरी शिक्षकों के कई साल से प्रमोशन नहीं हुए। इस साल फरवरी में प्रमोशन प्रक्रिया शुरू हुई। तब से जिलों अंतिम वरिष्ठता सूची पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। अंतिम महीने में भी अब तक सभी जिले वरिष्ठता सूची जारी नहीं कर सके हैं। इसके लिए अब 10वीं बार तारीख बढ़ाई गई है।
इन जिलों ने अपलोड की सूची : सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के अनुसार अब तक अम्बेडकरनगर, अमरोहा, आजमगढ़, बदायूं, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हाथरस, झांसी, कौशांबी, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महराजगंज, मैनपुरी, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रामपुर, सहारनपुर, शामली और श्रावस्ती जिलों ने अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी कर दी है। अन्य जिलों ने अभी तक अंतिम वरिष्ठता सूची जारी नहीं की है। इन जिलों को कहा गया है कि वे इसका प्रमाणपत्र दें कि अंतिम वरिष्ठता सूची का भलीभांति परीक्षण कर लिया गया है। ये प्रमाण पत्र बीएसए उपलब्ध करवाएंगे।
इन जिलों के लिए बढ़ी तारीख : आगरा, अलीगढ़, अमेठी, औरैया, अयोध्या, बागपत, बलरामपुर, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर, बुलंदशहर, एटा इटावा फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, जालौन, कन्नौज कानपुर देहात कानपुर नगर, कासगंज कुशीनगर, लखनऊ, महोबा, मथुरा, मेरठ, मीरजापुर, रायबरेली, संभल, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुलतानपुर, उन्नाव, वाराणसी, को 16 मई तक अंतिम वरिष्ठता सूची जारी कर प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षकों में नाराजगी प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय सिंह का कहना है कि अब तो मंशा पर ही सवाल उठने लगा है कि प्रमोशन करना भी चाहते हैं या नहीं। तीन महीने में अभी तक आधे जिले भी वरिष्ठता सूची जारी नहीं कर पाए हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह कहते हैं कि शिक्षकों को जो काम सौंपा जाता है तो जरा भी देरी होने कार्रवाई कर दी जाती है और अधिकारी तीन महीने में वरिष्ठता सूची तक तैयार नहीं कर पाए।