नई दिल्ली। वर्ष 2030 से चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) डिग्री धारक ही शिक्षक बन पाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत बाल वाटिका से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता तय कर दी गई है। इसमें बीए-बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम - बीएड शामिल हैं। खास बात यह है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 से 41 विश्वविद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट में चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू हो रहा है। एनटीए राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा के लिए अगले हफ्ते ऑनलाइन आवेदन खिड़की शुरू करेगा।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने बताया कि एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही 2030 से स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता तय की गई है।
इसमें चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) डिग्री धारक शामिल हैं। पहला पायलट प्रोजेक्ट इसी सत्र से 41 विश्वविद्यालयों में शुरू हो रहा है। यह पाठ्यक्रम नई स्कूल संरचना के चार चरणों यानि फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5+3+3+4) के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा।