लखनऊ की ग्राम पंचायतों में प्रधान व सचिव जांच में फंस गए हैं। अलग-अलग समय पर डीएम से की गई शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। लगभग सभी पर विकास कार्यों के बजट में धांधली का आरोप है। डीएम के आदेश पर 14 जिला स्तरीय अधिकारियों को जांच सौंपी गई है। जांच के दायरे में माल ब्लॉक की चार, मलिहाबाद की तीन, बीकेटी व मोहनलालगंज की दो-दो और काकोरी, सरोजनीनगर व गोसाईंगंज की एक-एक पंचायत शामिल है।
जिले की कई ग्राम पंचायतों में सरकारी धन में हेराफेरी की शिकायतें डीएम से की गई थी। आरोप है कि ग्राम प्रधान व सचिव ने मिल कर कई तरह की अनियमितताएं की हैं। दो वर्षों से चल रहा यह भ्रष्टाचार सरकारी मशीनरी की नजर में नहीं आया।
ग्रामीणों को जब इसकी भनक लगी तो कई जगह बीडीओ से शिकायत हुई, लेकिन कार्रवाई न होने पर लोगों ने जिलाधिकारी से जांच की गुहार लगाई। इन शिकायतों में माल ब्लॉक की उमरावल ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2021-22 में सचिव और प्रधान ने बिना कार्य कराए ग्रामनिधि से पैसा निकालने व मलिहाबाद की कैथुलिया ग्राम पंचायत में स्ट्रीट लाइट व हैंडपम्प मरम्मत में सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है।
बीकेटी की भरिगहना पंचायत में प्रधान पर फर्जी भुगतान व सरकारी धन का दुरुपयोग किए जाने के आरोप लगाया गया है। इसी तरह से अन्य पंचायतों में भी कुछ इसी तरह के आरोप लगाए गए हैं। कुछ ग्राम पंचायतों में लेखपालों की भी शिकायत की गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि उमरावल, कैथुलिया, बीकेटी की भरिगहना समेत 14 ग्राम पंचायतों में सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच जिला स्तरीय अधिकारियों ने शुरू कर दी है। जांच में आने वाले तथ्यों के आधार कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। आरोप सिद्ध होने पर कड़ी कार्रवाई होगी।