● कई राज्यों में समायोजन मानदेय भी कहीं ज्यादा
● हरियाणा-बिहार में मिल रहे 34 हजार रुपये
●संजोग मिश्र
प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में दो दशक से अधिक समय से बच्चों को पढ़ा रहे उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक शिक्षामित्र पूरे देश में सबसे अभागे हैं।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत दो दशक पहले पूरे देश में तकरीबन 7.5 लाख संविदा शिक्षक (शिक्षामित्र) रखे गए थे। इस दौरान कई राज्यों में ये संविदा शिक्षक पूर्ण शिक्षक बन गए हैं तो तमाम राज्यों में इनका मानदेय बढ़ गया है, लेकिन यूपी के शिक्षामित्र साल में 11 महीने दस हजार मानदेय पर बच्चों का भविष्य संवारने में लगे हैं।
महाराष्ट्र में बस्तीशाला शिक्षक, हिमाचल में पैट (प्राइमरी असिस्टेंट टीचर) और मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मी के रूप में नियमित शिक्षक बना दिया गया है। बिहार में 2006 में ही समायोजित कर दिया गया था और फिलहाल इन्हें 35 से 48 हजार रुपये तक मानदेय मिल रहा है। वर्तमान में राजस्थान में नौ और 18 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षा अनुदेशकों को क्रमश 29600 व 51000 मासिक पारिश्रमिक मिल रहा है।