लखनऊ, । प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में तैनात शारीरिक शिक्षा के प्रवक्ताओं को डेढ़ दशक बाद पदोन्नति की आस जगी है। मामले को शिक्षक नेताओं ने विधान परिषद में भी कई बार उठाया था लेकिन तत्कालीन सरकारें सुनने को तैयार नहीं थीं। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट की सख्ती के बाद अब राज्य सरकार ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है।
इसके तहत माध्यमिक शिक्षा के सभी संयुक्त निदेशकों से उनके कार्यक्षेत्र में आने वाले सभी राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा के प्रवक्ताओं की रिक्तियों की जानकारी मांगी गई है। साथ ही शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों की संख्या व उनकी नियुक्ति या तैनाती किस तिथि से हैं, इसका भी विस्तृत ब्यौरा तलब किया गया है। प्रदेश भर में शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों की संख्या करीब 21 हजार है जबकि इतने ही पद रिक्त भी हैं। 15 से 18 वर्ष पूर्व जो नियुक्त हुए उन्हें आज तक एक प्रोन्नति भी नसीब नहीं हुई ।
ताबड़तोड़ मांगी जाने लगी सूचनाएं
कोर्ट की फटकार के बाद सरकार और विभाग की ओर से मंडल से लेकर जिले तक से लगातार सूचनाएं मांगी जा रही है। जानकारों का कहना है कि सरकार ने इस मामले को शीघ्र निपटाने का आश्वासन कोर्ट में दे रखा है लिहाजा शारीरिक शिक्षकों की सूचनाएं प्राप्त होते ही इनके प्रोन्नति की प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर दी जाएगी।