सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों की शिकायतों का निवारण लोकपाल करेगा। अधिसूचना में कहा गया है कि संस्थान से संबंधित किसी पीड़ित छात्र की शिकायत छात्र शिकायत निपटारा समिति के अध्यक्ष को संबोधित की जाएगी। प्रत्येक संस्थान जरूरत के मुताबिक शिकायत निवारण समितियों का गठन करेगा। इसका अध्यक्ष एक प्रोफेसर तथा चार प्रोफेसर या वरिष्ठ संकाय सदस्य होंगे। इसमें शैक्षणिक योग्यता, खेलकूद में उत्कृष्ठता/सह पाठ्यचर्या गतिविधियों में प्रदर्शन के आधार पर नामित किए जाने वाले छात्रों में एक-एक प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होगा। इस समिति में कम से कम एक सदस्य या अध्यक्ष एक महिला, एक सदस्य या अध्यक्ष अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग से होना चाहिए।
अगर संस्थान शिकायतों के संबंध में छात्र शिकायत निवारण समिति या लोकपाल की सिफारिशों को लागू करने में विफल रहते हैं तो उनका अनुदान रोकने, अनुदान की स्वीकृति को समाप्त करने, महाविद्यालयों के संबंध में उनकी संबंधित विश्वविद्यालय से संबद्धता वापस लेने की कार्रवाई हो सकती है। राज्य सरकार के विश्वविद्यालय पर कार्रवाई के लिए संबंधित राज्य सरकार और केंद्र के संस्थानों के संबंध में केंद्र से सिफारिश की जा सकती है। निर्धारित समय के लिए संस्थानों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम की पेशकश की अनुमति से रोका जा सकता है।