प्रावधान है कि एफडी या बचत खाते पर ब्याज अगर अगर दस हजार से अधिक होता है तो बैंक स्रोत पर कर यानी टीडीएस काटते हैं। एफडी पर छोटी या लंबी अवधि के तहत होने वाले मुनाफे पर भी टीडीएस लगता है। नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही फॉर्म 15 जी या 15 एच को भरकर टीडीएस से बच सकते हैं।
गलत जानकारी देने पर जुर्माना तो लगता ही है, जेल भी जाना पड़ सकता है। फॉर्म 12बीबीए दाखिल कर आप रिटर्न दाखिल करने से छूट का दावा भी कर सकते हैं। कर सलाहकार के.सी. गोदुका का कहना है यदि फॉर्म 15जी या 15एच जमा करने के बाद आय कर सीमा के दायरे में आ जाए तो सूचना बैंक को देनी होगी ताकि वह आपकी ब्याज आय पर टीडीएस काट सके।
कौन भर सकता है आय का घोषणापत्र
जिन लोगों की वार्षिक आय नए वित्त वर्ष में बुनियादी छूट सीमा से कम होती है और जिन पर कोई आयकर नहीं बनता, वह इस फॉर्म को जमा कर सकते हैं। ऐसे करदाताओं को पैन संख्या के साथ फॉर्म 15जी या 15एच में घोषणापत्र जमा करना होता है।