डायट प्राचार्य को ज्ञापन सौंप शिक्षकों ने जताया विरोध


बहराइच : प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधि मंडल शुक्रवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्राचार्य से मिला। वीडियो काल व वाइस काल से विद्यालयों के आनलाइन अनुश्रवण पर विरोध जताया। ज्ञापन सौंपकर आदेश वापस लेने की मांग की।



जिलाध्यक्ष आनंद कुमार पाठक ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने आदेश जारी कर डायट में मूल्यांकन प्रकोष्ठ गठित कर प्रतिदिन 10 विद्यालयों का वीडियो काल से आनलाइन निरीक्षण करने को कहा है। यह आदेश शिक्षकों को अपमानित करने वाला है। कहा कि शिक्षक को शिक्षक रहने दिया जाय, उसे कंप्यूटर आपरेटर न बनाया जाय। जिलामंत्री विजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि पूर्व से ही विभाग बिना संसाधन उपलब्ध करवाए शिक्षकों को व्यक्तिगत मोबाइल में कई एप डाउनलोड करवा रखे हैं। प्रेरणा, डीबीटी, यूडायस प्लस, परिवार सर्वेक्षण, डीसीएफ पर अपलोड करने से शिक्षक कार्य के दबाव के चलते अवसाद में हैं। शिक्षकों से अतिरिक्त कार्य लेने से शिक्षण प्रभावित होता है । मोबाइल से कार्य करने के कारण जिले को निपुण बनाने में बाधा उत्पन्न होगी। संरक्षक केके पांडेय ने कहा कि 10 वर्षों से पदोन्नति नहीं हुई है। जूनियर विद्यालय में शिक्षकों का अभाव है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजेश तिवारी ने कहा कि ऐसे आदेश का संगठन विरोध करेगा। प्रतिनिधि मंडल में विश्वनाथ पाठक, देवेंद्र सिंह, उमाकांत तिवारी, अमित मिश्र अनुभव सिंह, अंकुर शुक्ल, बृजेश गुप्त, विनोद पांडेय, संतोष द्विवेदी, अजय मिश्र आदि मौजूद रहे।

शिक्षक समस्याओं के निस्तारण की उठाई मांग: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र सौंपा। परिषदीय विद्यालयों का वीडियो काल एवं वाइस काल से निरीक्षण के आदेश को रद करने व शिक्षक समस्याओं के निस्तारण की मांग की जिलाध्यक्ष आनंद मोहन मिश्र ने बताया कि हाल ही में महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से जारी किया गया आदेश अव्यावहारिक है। इससे शिक्षकों में आक्रोश है। इस समय शून्य आयु वर्ग से लेकर परिवार के कुल सदस्यों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। कड़ी धूप में शिक्षक विद्यालय समय के बाद घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रहे हैं। आनलाइन रूप से फीड भी करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। एक तरफ विभाग सभी बच्चों को सभी विषयों में निपुण बनाने का लक्ष्य दिया गया है तो दूसरी और गैर शैक्षणिक कार्य शिक्षकों से लिए जा रहे हैं। जिला महामंत्री उमेश चंद्र त्रिपाठी, पंकज कुमार वर्मा, सगीर अंसारी ने इस पर रोक लगाने की मांग रखी।