उसके बाद से तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई। दस साल से नियुक्ति न होने और कर्मचारियों की कमी की वजह से महाविद्यालयों में समस्या होने लगी थी। इसे लेकर कुछ कॉलेज प्रबंधकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी की थी और कोर्ट के आदेश पर कुछ महाविद्यालयों को भर्ती की अनुमति भी मिल गई थी। कॉलेज प्रबंधकों की ओर से उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। हाईकोर्ट में याचिकाएं भी दायर हो रही है। इसे देखते हुए रिक्त पदों की सूचना मांगी गई है। सूत्रों के अनुसार इस समय नगर निकाय चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू है। 13 मई के बाद आचार संहिता हटने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
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› तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती की तैयारी शुरू