नई दिल्ली। देशभर के स्कूलों में अगले सत्र में कक्षा छह से कौशल विकास की पढ़ाई अनिवार्य होगी। केंद्र सरकार स्कूली शिक्षा में कौशल विकास का पाठ्यक्रम तैयार करने में सिंगापुर के कौशल विकास मॉडल को अपनाने जा रही है। अगले हफ्ते ओडिशा के भुवनेश्वर में होने वाली जी-20 बैठक में भारत और सिंगापुर के अधिकारी कौशल विकास मॉडल और स्कूली शिक्षा में कौशल पाठ्यक्रम तैयार करने
की संभावना पर समझौता करेंगे.
कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने सोमवार को बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत कक्षा छह से कौशल विकास को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। वहीं, स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में कौशल के एकीकरण और बच्चों में आजीवन सीखने के लिए भविष्य के कौशल से संबंधित सामग्री पाठ्यक्रम में जोड़ी जाएगी। भुवनेश्वर में 25 अप्रैल को इससे संबंधित बैठक में भारत और सिंगापुर के अधिकारी इस विषय पर बात करेंगे।
युवाओं को तैयार करना मकसद
दोनों देशों के बीच यह विचार- विमर्श अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समर्थन को मजबूत करने पर केंद्रित होगा। भविष्य में एक साथ काम करने की रूपरेखा तैयार करना और विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों को एक साथ लाकर नवाचार, सहयोग और समझने के लिए सीखने का माहौल को बढ़ावा देना है।