बदलने लगी संस्कृत विद्यालयों की सूरत, मिलेंगे नए शिक्षक


प्रयागराज। लंबे समय तक उपेक्षा का शिकार रहे प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों की अब धीरे-धीरे सूरत बदलने लगी है। शिक्षकों की कमी से दो वर्ष पूर्व बंद होने की कगार तक पहुंच चुके कई विद्यालयों में जल्द ही नए शिक्षक मिलने की उम्मीद जागी है। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है।


प्रदेश के 1240 संस्कृत विद्यालयों में करीब 1100 शिक्षकों के पद लंबे समय से खाली चल रहे थे। इसके कारण कई विद्यालय एकल हो गए थे, तो कई में ताला लगने की नौबत आ गई थी। ऐसे में सरकार की तरफ से लंबे समय बाद संस्कृत विद्यालयों का कायाकल्प किया जा रहा है। इसके लिए पहले चरण में रिक्त पदों के सापेक्ष 518 शिक्षकों की नियुक्ति मानदेय पर दो वर्ष पहले ही की जा चुकी है। अब बचे रिक्त पदों पर भी 800 शिक्षकों की नियुक्ति मानदेय के आधार पर करने की तैयारी है।

शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालयों में लगातार घट रही छात्र संख्या को बढ़ाने को पर भी जोर दिया गया है। उप शिक्षा निदेशक संस्कृत सीएल चौरसिया के मुताबिक संस्कृत विद्यालयों की स्थिति सुधारना सरकार की प्राथमिकता है।

ऐसे में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए लगातार प्रयास जारी है और पहले की तरह ही संस्कृत विद्यालयों के दिन बहुरेगे । सरकार की तरफ से अलंकार योजना के जरिए जर्जर हो चुके संस्कृत विद्यालयों के भवनों को दोबारा से बनाए जाने का कार्य भी किया जा रहा है। संवाद