छात्र अब पढ़ेंगे पुलवामा हमला,सर्जिकल स्ट्राइक● अनिकेत यादव
प्रयागराज। अब सूबे के राज्य विश्वविद्यालयों में रक्षा अध्ययन विषय के छात्र 2019 में हुए पुलवामा हमला और सर्जिकल स्ट्राइक को पढ़ेंगे। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यक्रम में संशोधन किया गया है। इसके साथ ही छात्रों को त्रेतायुग से लेकर अब तक के युद्धों में देश के जवानों को मिली जीत की गाथा भी पढ़ाई जाएगी। प्रदेश सरकार की ओर से रक्षा अध्ययन का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इसमें जाने-माने रक्षा विशेषज्ञ एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रशांत अग्रवाल भी शामिल हैं। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि फाउंडेशन और ऐच्छिक विषय भी शुरू किए जाएंगे।
प्रो. अग्रवाल ने बताया कि सूबे के राज्य विश्वविद्यालयों में 70 फीसदी पाठ्यक्रम एक सामान होंगे। जबकि 30 फीसदी पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय स्वयं तैयार कर रहे हैं। पाठ्यक्रम को तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। बकौल प्रो. अग्रवाल तैयार किए गए पाठ्यक्रम में तीन फांउडेशन कोर्स, भाषा (हिन्दी व अंग्रेजी), युद्ध की
अवधारणा को शामिल किया गया है। ऐच्छिक विषय के रूप में आपदा प्रबंधन, पर्यावरण परिवर्तन और समस्या, भारतीय युद्ध कला, अंतरराष्ट्रीय संबंध, राष्ट्रीय सुरक्षा के सैद्धांतिक पक्ष, युद्ध का विज्ञान एवं तकनीक में संबंध, युद्ध का चिंतन को शामिल किया गया है। भारतीय रक्षा संगठन, राष्ट्रीय सुरक्षा की अर्थव्यवस्था, विश्व का वर्तमान वातावरण, भू-राजनीति तथा भौगोलिक सैन्य, भारत की अपरंपरागत सुरक्षा एवं चुनौतियां भी पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा। छात्रों को सीमा का टूर अथवा ऑनलाइन कोर्स कराया जाएगा।
अवधारणा को शामिल किया गया है। ऐच्छिक विषय के रूप में आपदा प्रबंधन, पर्यावरण परिवर्तन और समस्या, भारतीय युद्ध कला, अंतरराष्ट्रीय संबंध, राष्ट्रीय सुरक्षा के सैद्धांतिक पक्ष, युद्ध का विज्ञान एवं तकनीक में संबंध, युद्ध का चिंतन को शामिल किया गया है। भारतीय रक्षा संगठन, राष्ट्रीय सुरक्षा की अर्थव्यवस्था, विश्व का वर्तमान वातावरण, भू-राजनीति तथा भौगोलिक सैन्य, भारत की अपरंपरागत सुरक्षा एवं चुनौतियां भी पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा। छात्रों को सीमा का टूर अथवा ऑनलाइन कोर्स कराया जाएगा।