05 April 2023

इन अधिकारियों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी, सपा शासन में हुई थीं 1148 अफसरों की भर्ती


लखनऊ। सपा शासन में हुए पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती घोटाले में शासन जल्द ही कड़ा निर्णय लेने जा रहा है। फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में ज्यादातर उत्तर पुस्तिकाओं में ओवरराइटिंग की पुष्टि हुई है। शासन के एक उच्चपदस्थ सूत्र के मुताबिक इन अधिकारियों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी की जा रही है।



2013-14 में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती के लिए 100 के बजाय 80 नंबरों के लिए लिखित परीक्षा कराई गई। जबकि, 20 नंबर साक्षात्कार के लिए रखे गए। इस भर्ती घोटाले की जांच योगी सरकार ने 28 दिसंबर 2017 को एसआईटी को सौंपी थी। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 28 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं, 22 अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की अनुमति दी जा चुकी है।

एसआईटी ने पूरे मामले में तत्कालीन पशुधन मंत्री राज किशोर सिंह और उनके प्रमुख सचिव योगेश कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति भी मांगी है। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, जांच में प्रथमदृष्टया ही उत्तर पुस्तिकाओं में किया गया खेल सामने आ गया।

उत्तर पुस्तिकाओं में इतनी ज्यादा ओवरराइटिंग है कि जांच में शामिल अधिकारी भी हैरान रह गए।

जिम्मेदार अफसरों पर होगी कार्रवाई : प्रमुख सचिव

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रमुख सचिव पशुपालन ने मंगलवार को पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती में घोटाले के मामले में अनुपालन हलफनामा दाखिल कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर कोर्ट ने उन्हें दो सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि तय कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने मोहम्मद अकरम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। इसके पहले कोर्ट ने सुनवाई कर मामले में आदेश का अनुपालन न करने पर प्रमुख सचिव पशुपालन को 28 मार्च को तलब किया था। कोर्ट ने कहा है कि प्रमुख सचिव पूरे रिकॉर्ड के साथ उपस्थित होंगे। कोर्ट ने अनुपालन हलफनामे को रजिस्ट्री के जरिये दाखिल करने का निर्देश दिया।