प्रदेश सरकार प्रत्येक ब्लॉक में बेसिक शिक्षा परिषद के एक-एक विद्यालय को मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय के रूप में विकसित करेगी। प्रथम चरण में कुल 704 विद्यालयों पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये खर्च करके उन्हें सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। आगामी तीन वर्षों में लगभग चार हजार अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय विकसित करने का लक्ष्य है।
डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के अनुसार जगह की उपलब्धता, व्यावहारिकता एवं अधिकतम सामाजिक लाभ की दृष्टि से प्रत्येक ब्लॉक से एक कंपोजिट विद्यालय का पारदर्शिता के साथ चयन किया जाएगा। इसके बाद इन विद्यालयों को तय मानकों के अनुसार उच्चीकृत किया जाएगा और मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय का दर्जा प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक कंपोजिट विद्यालय में लगभग 1.42 करोड़ रुपये से अवस्थापना सुविधाओं का विकास होगा। प्रथम चरण में बेसिक शिक्षा के विभाग को आवंटित एक हजार करोड़ रुपये के बजट से लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय के रूप में उच्चीकृत किया जायेगा.
मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय के तहत पहले से संचालित परिषदीय कंपोजिट विद्यालयों में आधुनिक सुविधाओं के साथ 'ग्रेड लर्निंग कांसेप्ट के आधार पर उच्चीकृत किया जाएगा। इन विद्यालयों के उच्चीकरण के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा आठ के लिए प्रति वर्ग अलग-अलग कक्षा की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 छात्र- छात्राओं की क्षमता के साथ विकसित किया जाएगा.
इन सुविधाओं से लैस होंगे विद्यालय
■ पांच कमरों वाले अभ्युदय ब्लॉक
■ लैंग्वेज लैब की सुविधा के साथ कंप्यूटर लैब
■ रोबोटिक्स लर्निंग, विज्ञान एवं गणित विषयों के लिए मॉड्यूलर कम्पोजिट प्रयोगशाला
■ डिजिटल लर्निंग के लिए इंटरएक्टिव डिस्प्ले बोर्ड एवं वर्चुअल कनेक्टिविटी के साथ स्मार्ट क्लास
■ शौचालय सुविधा के साथ स्टाफ रूम
■ बाल वाटिका, पोषण वाटिका ।
■ वाई-फाई एवं ऑनलाइन सर्विलांस
■ बाल सुलभ फर्नीचर एवं मॉड्यूलर डेस्क-बेंच