शामली। खाते में पैसा आने के बाद भी यूनिफार्म नहीं खरीदने वाले छात्र-छात्राओं को योजना से वंचित कर दिया जाएगा। अब खाते में पैसा आने के बाद स्कूल में यूनिफार्म पहनकर आनी होगी। जिसके बाद उनका फोटो लेकर प्रेरणा ऐप पर डाउनलोड किया जाएगा। इसके लिए प्रधानाध्यापक को आदेश जारी कर दिए है। साथ ही वित्तीय वर्ष के लिए ऐसे छात्र-छात्राओं को चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जनपद में 96 हजार के करीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के साथ ही यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता- मोजा, बैग और स्टेशनरी क्रय करने के लिए 1200 रुपये अनुदान दिया जाता है, लेकिन काफी परिजन ऐसे है जो खाते में पैसा आने के बाद बच्चों के लिए यूनिफार्म नहीं खरीदते हैं। शिक्षा विभाग ने ऐसे नौनिहालों पर नजर रखने के लिए प्रधानाध्यापकों को आदेश दिया है। अनुदान राशि मिलने के बाद भी अधिकतर अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए यूनिफार्म नहीं खरीदी। ऐसे में विभाग ने आगामी शैक्षिक सत्र में सिर्फ उन बच्चों को लाभांवित करने की योजना बनाई है, जिनके अभिभावकों ने अनुदान राशि का उपभोग निर्धारित मद में किया हो। इसके लिए प्रेरणा पोर्टल पर यूनिफार्म पहने हुए फोटो अपलोड करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापकों को दी गई है। एक अप्रैल से विभाग की ओर से करीब 96 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में अनुदान राशि भेजनी शुरू करेगा।
23 हजार बच्चे रह गए थे योजना से वंचित
शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते इस साल 23 हजार के करीब बच्चे योजना से वंचित रह गए थे, क्योंकि उनका डाटा अपलोड नहीं हो पाया था। इससे उनके खाते में 1200 रुपये की धनराशि नहीं आ सकी थी। लेकिन इस बार शिक्षा विभाग को एक अप्रैल से ही उनके खाते से आधार कार्ड को जोड़कर खाते में धनराशि भेजने के आदेश दिए है।
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अनुदान राशि दी जाती है। इस बार जो अभिभावक खाते में धनराशि आने के बाद यूनिफार्म नहीं खरीदेंगे उनके बच्चों को वंचित कर दिया जाएगा। इससे पहले ऐसे बच्चों को भी चिह्नित किया जा रहा है जिसने धनराशि आने के बाद भी यूनिफार्म नहीं खरीदी है। - अमित कुमार जिला समन्वयक शामली