प्रयागराज। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की तरह अब माध्यमिक स्कूलों का भी मूल्यांकन होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण स्थापित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। शैक्षणिक, खेलकूद और संसाधन आदि बिन्दुओं के आधार पर स्कूलों का हर पांच साल पर मूल्यांकन किया जाएगा।
इससे स्कूलों की कार्यक्षमता में सुधार होगा जिसका सीधा लाभ उसमें पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को मिलेगा। राजकीय, सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के साथ ही वित्तविहीन स्कूलों का भी मूल्यांकन किया जाएगा। यूपी बोर्ड के सचिव स्कूलों को मूल्यांकन के आधार पर प्रमाणपत्र जारी करेंगे। यूपी बोर्ड ने मान्यता की नई शर्तों में हर पांच साल पर नवीनीकरण की बात कही है।
1299 विद्यालयों में लगेगी स्मार्ट क्लास प्रदेश के 1299 राजकीय विद्यालय के दो दो कमरों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जाएगी। प्रत्येक विद्यालय के लिए 38.97 लाख का बजट प्रस्तावित है। इससे 7,14,450 छात्र छात्राओं को डिजिटल तकनीक से जोड़ने में मदद मिलेगी।
दो फीसदी संस्थाओं का हुआ नैक मूल्यांकन
प्रयागराज। उच्च शिक्षण संस्थानों के नैक से मूल्यांकन को लेकर सरकार का खासा जोर है। वर्तमान में प्रदेश की कुल 1926 उच्च शिक्षण संस्थाओं में से मात्र 104 (1.31 प्रतिशत) ने ही नैक से मूल्यांकन कराया है। प्रदेश के 169 शिक्षण संस्थान ऐसे हैं जिन्होंने पुनर्मूल्यांकन नहीं कराया। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने प्रदेश के अर्ह उच्च शिक्षण संस्थानों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर मूल्यांकन कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विश्वविद्यालयों या नैक मूल्यांकित संस्थानों को मेंटर या नोडल बनाने के निर्देश दिए हैं।