अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल ने बताया कि विद्यालय के खिलाड़ी ही आगे चलकर ओलंपिक तक पहुंचते हैं। ऐसे में जमीनी स्तर पर ही उनकी प्रतिभा पहचान कर उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया कराकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है। यह इसी सत्र से लागू होगी। इस योजना में ग्राम पंचायत स्तर से काम होगा। ग्राम पंचायत के बाद न्याय पंचायत, ब्लाक, जिला स्तर, मण्डल स्तर और राज्य स्तर पर शिक्षा विभाग के साथ मिलकर खेल विभाग प्रतियोगिताएं कराएगा।
खेल विभाग शारीरिक शिक्षकों को दक्ष बनाएगा
खेल विभाग शारीरिक शिक्षकों को अपडेट करने के सात विभिन्न खेलों में दक्ष बनाएगा। शारीरिक शिक्षकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स एवं प्रशिक्षण कैम्प आयोजित किए जाएंगे। एचसीएल और खेल विभाग के बीच एक समझौता भी हुआ है जिससके तहत 5000 खिलाड़ियों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। खिलाड़ियों की सूची शिक्षा विभाग देगा। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देंगे टिप्स
खेल विभाग एक रोड मैप तैयार करेगा। इसके तहत खेल विभाग की तरफ से चुने गए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी विद्यालयी खिलाड़ियों खेलों की टिप्स देंगे। साथ ही उनकी कॅरियर काउंसलिंग करेगे। साथ ही अंतरारष्ट्रीय खिलाड़ी निरंतर विद्यालयी खिलाड़ियों का मार्गदर्शन भी करते रहेंगे।
21 हजार टीमें बनेंगी
एसएफएस के तहत पहले चरण में दस खेलों को शामिल किया गया है। राज्य के विद्यालयों की 21 हजार टीमें बनाई जाएंगी। दूसरे चरण में 20 खेलों में 51 हजार टीमें और तीसरे चरण में 26 खेलों में एक लाख विद्यालयी टीमें तैयार करने का लक्ष्य है। राज्य के हर स्कूल एवं विद्यालय में खेल संस्कृति विकसित की जाएगी। इसमें खेल विभाग पूरा सहयोग करेगा। इस योजना में ग्राम पंचायत स्तर से काम होगा।