स्कूलों को 15% फीस लौटाने का आदेश


लखनऊ,डीआईओएस ने सभी बोर्ड के स्कूलों के प्रबंधन व प्रधानाचार्यों को आदेश दिये हैं कि वे सत्र 2020-21 में कोरोना के दौरान ली गई फीस का 15 फीसदी अगली कक्षा में समायोजित करें। जो बच्चे पास होकर स्कूल छोड़ दिये हैं, उनकी फीस अभिभावकों को लौटाएं। डीआईओएस ने फीस वापसी के सम्बंध में पूर्व में दिये गए इलाहाबाद हाईकोर्ट व डीएम के आदेश का स्कूलों से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं।



यदि फीस समायोजित करने या लौटाने में स्कूल आनाकानी करते हैं। तो अभिभावक इन स्कूलों की शिकायत डीएम की अध्यक्षता में बनी जिला शुल्क नियामक समिति से करें। समिति इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। डीआईओएस राकेश कुमार पाण्डेय ने

हाईकोर्ट के आदेश का हवाला 24 मार्च को स्कूलों को भेजे पत्र में कहा कि छह जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के कोरोना कॉल के चलते सत्र 2020-21 में वसूली गई फीस में 15 प्रतिशत फीस अभिभावकों को लौटाने के आदेश का हवाला दिया है। कोर्ट ने कहा था कि जो बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनकी वापसी वाली फीस को स्कूल अगली कक्षा में समायोजित करने के आदेश दिये थे।

निजी स्कूल तैयार नहीं यदि किसी स्कूल व व्यक्ति को जिला शुल्क नियामक समिति के निर्णय से संतुष्ट नहीं है। वह मण्डलीय स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील कर सकता है। इसका निस्तारण मण्डलीय प्राधिकरण करेगा। हालांकि यह फीस लौटाने के मुद्दे पर लखनऊ के निजी स्कूल तैयार नहीं है। स्कूलों के प्रबंधकों ने साफ कह दिया है कि वह पहले ही 15 फीसदी से अधिक फीस में रियायत दे चुके हैं। स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि अब इससे अतिरिक्त रियायत नहीं दी जा सकती है।