परिषदीय विद्यालयों में फर्जीवाड़ा के तहत नौकरी हथियाने वालों पर बेसिक शिक्षा महकमा ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी के आरोप में बर्खास्त चल रही शिक्षिका अमिता शुक्ला के विरुद्ध तुलसीपुर थाने में दो साल बाद एफआईआर दर्ज कराया गया है।
बेसिक शिक्षाधिकारी कल्पना देवी के निर्देश पर खंड शिक्षाधिकारी तुलसीपुर रमेश कुमार ने शिक्षा क्षेत्र तुलसीपुर के प्राथमिक विद्यालय सेमरहन में तैनात शिक्षिका पर एफआई दर्ज कराया है। इस विद्यालय में दो साल पूर्व तैनात रही अध्यापिका अमिता शुक्ला के मानव संपदा पोर्टल पर एक ही शैक्षिक अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र पर चार अध्यापकों का विवरण प्रदर्शित हो रहा था। इसमें बुलंदशहर में कार्यरत अमिता शुक्ला एवं तुलसीपुर के प्राथमिक विद्यालय सेमरहन में तैनात अमिता शुक्ला का विवरण एक समान मिला था। बुलंदशहर की अध्यापिका की नियुक्ति तिथि 20 फरवरी 2009 की है, जबकि बलरामपुर की अध्यापिका की नियुक्ति तिथि तीन अगस्त 2010 है। विभाग के सत्यापन में कई विषमता सामने आईं। ऐसे में पाया गया कि प्राथमिक विद्यालय सेमरहन में तैनात रही अध्यापिका अमिता शुक्ला किसी अन्य के अभिलेख का प्रयोग किया है। 31 मार्च 2021 को तत्कालीन बेसिक शिक्षाधिकारी ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए अध्यापिका को तत्काल बर्खास्त कर दिया था। तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी महेंद्र कुमार के स्थानांतरण एवं उनके बाद खंड शिक्षाधिकारी अरुण कुमार वर्मा के निलंबन के कारण प्राथमिकी दर्ज कराने में दो साल बीत गए। मामले को पुन: बेसिक शिक्षाधिकारी ने संज्ञान में लेकर तत्काल खंड शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार को निर्देशित कर थाना तुलसीपुर में एफआईआर दर्ज कराते हुए विधिक कार्रवाई शुरू की है। प्रभारी निरीक्षक तुलसीपुर प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि फर्जी अध्यापिका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर लिया गया है। कार्रवाई की जा रही है।