बलिया। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को परोसे जाने वाले मिड-डे मील पर अब मां समूह भी नजर रहेगी। भोजन की गुणवत्ता के साथ ही बच्चों को खाना परोसने के तौर-तरीकों और साफ-सफाई का ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए शासन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।
जिले में 2249 परिषदीय विद्यालय हैं। अब प्रत्येक विद्यालय में छह सदस्यीय महिला समूह का गठन किया जाएगा। महिला समूह में विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की मां होंगी। ये समूह नियमित भोजन की निगरानी करेगा। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को भोजन देने के लिए शासन की ओर से बाकायदा मेन्यू तैयार किया गया है। हर दिन अलग-अलग तरह के भोजन पकाकर बच्चों को दिया जाना है। शासन भोजन की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है, लेकिन स्कूलों में इसे लेकर मनमानी की जाती है। मेन्यू को दरकिनार किया जाता है। इसकी शिकायतें भी रोजाना आम होती है। इससे विभाग की होने वाली किरकिरी को देखते हुए शासन के निर्देश पर विभाग ने मिड-डे मील की निगरानी के लिए छह महिलाओं का समूह गठित करने का फैसला लिया है। यह समूह प्रतिदिन खाने की गुणवत्ता को परखेगा। प्रतिदिन एक महिला विद्यालय जाकर मिड-डे मील को चखेगी, जिसके लिए बाकायदा रोस्टर बनाया जाएगा। भोजन पकाने और परोसने की विधि को देखकर रिपोर्ट संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को दी जाएगी।
मध्याह्न भोजन योजना के तहत परिषदीय विद्यालयों में मिड-डे मील की गुणवत्ता को देखने के लिए हर विद्यालय में छह सदस्यीय महिला समूहों का गठन किया जाएगा। इसके लिए स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों के चयन का प्रावधान किया गया है। मां समूह का गठन करना केवल मिड-डे मील की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। साथ ही स्कूल स्तर पर मेन्यू को लेकर होने वाली मनमानी पर रोक लगाना है।
- मनिराम सिंह, बीएसए