संतकबीरनगर नगर पालिका और नगर पंचायतों में संचालित परिषदीय विद्यालयों का हाल बेहाल है। कायाकल्प योजना के तहत इनकी दशा सुधारने पर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। शहर के पटखौली विद्यालय परिसर में भैंस बाधी मिली तो कक्षा सात के बच्चों को अब तक किताबें ही नहीं मिल सकी हैं।
नगर पलिका परिषद खलीलाबाद क्षेत्र में 24 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें से अधिकतर बदहाल हैं। कारण यह है कि कायाकल्प योजना का लाभ शहर के विद्यालयों को नहीं मिल पाया है। इसके कारण कहीं भवन जर्जर है तो कहीं फर्श टूटी है। शौचालय की स्थिति बेहद खराब है। इसके बाद भी विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। शहर के विद्यालयों की पड़ताल में कुछ ऐसी तस्वीर नजर आई।
कंपोजिट विद्यालय पटखौली परिसर में भैंस बंधी मिली। दो हैंडपंपों में एक खराब है। इसके रिबोर की जरूरत है। दूसरे हैंडपंप का पानी दूषित आ रहा है। मध्याह्न भोजन के बाद बच्चों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। कक्षा सात के बच्चों ने बताया कि उन्हें अब तक किताबें नही मिली हैं, जबकि यह विद्यालय बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास है। बच्चे पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। कक्षा छह व आठ के बच्चों को भी सभी किताबें नहीं मिली हैं। विद्यालय की चहारदीवारी नहीं बनी है। इससे सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। यहां पर कुल 94 बच्चे पंजीकृत हैं जबकि मंगलवार को 55 बच्चे ही मौजूद मिले।
कंपोजिट विद्यालय सरैया हाईवे के किनारे है। जिन कमरों में पूर्व माध्यमिक के बच्चे पढ़ते हैं, उसमें फर्श नहीं है। भवन जर्जर है। विद्यालय में बने शौचालय बदहाल हैं। कारण यह है कि जो पानी की टंकी लगी थी वह टूट गई है। ऐसे में शौचालयों का प्रयोग नहीं हो रहा और ताला लटका रहता है। मंगलवार को मध्याह्न भोजन में यहां मेन्यू के अनुसार चावल-दाल बच्चों को दिया गया। यहां पर कुल 115 बच्चे पंजीकृत हैं। इसमें 85 बच्चे उपस्थित मिले।
विद्यालय परिसर में भैंस बांधना उचित नहीं है। यह स्थित अत्यंत गंभीर है। इसके लिए संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य और खंड शिक्षाधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। जहां जो कमियां हैं, उसके सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे। - अतुल कुमार तिवारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।