आम बजट को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी। कंफडेरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट इम्प्लाइज एंड वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र पांडेय ने कहा कि बजट में कर्मचारी और पेंशनर्स को शामिल नहीं किया गया। उम्मीद थी कि करोड़ों रुपए जीएसटी वसूल करने वाली सरकार महीनों से लंबित डीए जारी करेगी। ओपीएस के लिए भी अलग से बजट होगा। सरकार को इनकम टैक्स स्लैब 10 लाख तक करना चाहिए था। यह बजट कर्मचारी व मध्यम वर्ग विरोधी और कॉर्पोरेट परस्त है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश सचिव राजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि बजट में आयकर की सीमा में दी जाने वाली छूट असमंजस भरी है। बजट में पुरानी पेंशन को लेकर उम्मीदें थी लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर विचार नहीं किया गया। इससे कर्मचारियों में निराशा है। शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी सुरेश पटेल के अनुसार नया टैक्स सिस्टम चुनने वाले कर्मचारियों के लिए आयकर में छूट की सीमा सात लाख रुपए कर दी गई है। इससे वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत मिली है।
ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट पेंशनर्स एसोसिएशन के सहायक महासचिव ऋषिश्वर उपाध्याय ने कहा कि बजट में सात लाख तक की इनकम पर आयकर छूट राहत देने वाली है लेकिन इसका लाभ कुछ कर्मचारी और पेंशनर्स को नहीं मिलेगा। बजट का सबसे नकरात्मक पहलू यह है कि हाउस लोन और बैंक डिपॉजिट में मिलने वाला रिबेट खत्म कर दिया गया है। राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलामंत्री घनश्याम पांडेय ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। बजट के नाम पर सरकार ने कर्मचारी और मध्यम वर्ग के लोगों को झुनझुना दिया है। प्रांतीय सहायक मंत्री, यूपी डाक विभाग प्रमोद कुमार राय ने कहा कि यह बजट कर्मचारियों के उम्मीद पर खरा नहीं उतरा। वहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन यूपी के प्रांतीय अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने कहा कि कोरोना काल में वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में रियायत खत्म कर दी गई। वरिष्ठ नागरिक आस लगाए थे कि बजट में रेल किराए की छूट बहाल होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष और पूर्व आईएएस आरएस वर्मा ने कहा कि पेंशनर्स और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बजट आशा के अनुरूप नहीं रहा। वरिष्ठ नागरिकों को 3 साल से बंद रेल किराए में मिलने वाली छूट पुन चालू नहीं की गई। पेंशन में 65, 70, 75 वर्ष की आयु पर प्रस्तावित बढ़ोतरी नहीं की गई।