रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्व भारती को शिक्षा का मंदिर बताते हुए शुक्रवार को संस्थान के छात्रों से इसके संस्थापक रवींद्रनाथ टैगोर की तरह मानवतावादी बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि टैगोर के विचार और दर्शन भारतीय समाज को प्रभावित करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 से युवाओं का समग्र विकास होगा। उन्होंने कहा कि एक बच्चे का भविष्य उसकी परवरिश पर निर्भर करता है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे राजनाथ ने कहा कि बंगाल में तीर्थयात्रा के दो केंद्र हैं। इनमें एक गंगा सागर और दूसरा विश्व भारती है। छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि टैगोर ने हमें दिखाया था कि राष्ट्रवाद क्षेत्रीय नहीं हो सकता। यह हमारी बहुलवादी संस्कृति पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने बच्चों में मानवतावाद के मूल्यों को विकसित करने के लिए इस जगह की स्थापना की। उन्होंने छात्रों से जीवन में उल्लेखनीय काम करने और इस बारे में सोचने का आह्वान किया कि इससे देश को कैसे फायदा हो सकता है।
गुरुदेव के मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया टैगोर का विश्व भारती हमें दिखाता है कि यह रास्ता कैसे होना चाहिए, जेल जैसे कमरों की सीमाओं से मुक्त, प्रकृति की गोद में। उन्होंने कहा, आप जीवन में जो भी बनें, आपको गुरुदेव द्वारा अपनाए गए मूल्यों को अपनाना चाहिए। गुरुदेव ने भारतीय राष्ट्रवाद को मूर्त रूप दिया। उन्होंने ही जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद ब्रिटिश शासकों द्वारा उन्हें दिया गया नाइटहुड सम्मान वापस कर दिया था।