लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा कि प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के एलोपैथी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष कर दी गई है जबकि होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा कैडर के डॉक्टरों के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र को अब तक 60 वर्ष ही रखा गया है, यह विधि के समक्ष समता के सिद्धांत का उल्लंघन है। न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ ही याचिका दाखिल करने वाले होम्योपैथिक डॉक्टर डॉ. सुरेन्द्र प्रताप यादव की सेवानिवृत्ति सम्बंधी आदेश को निरस्त कर दिया व उन्हें 62 वर्ष की आयु तक सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया है।