*जूनियर बेसिक* शब्द का चयन इस पदोन्नति आदेश में करने का कारण
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : राज्यपाल राम नाईक ने 'उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (संशोधन) अध्यादेश 2017' और 'उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल (अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन का भुगतान) (संशोधन) अध्यादेश 2017' को मंजूरी दे दी है। संबंधित अधिनियमों में 'जूनियर बेसिक स्कूल' और 'जूनियर हाई स्कूल' परिभाषित न होने से कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई के दौरान शासन को अपना पक्ष रखने में कठिनाई होती थी। मामले की तात्कालिकता को देखते हुए राज्यपाल ने अध्यादेश को हरी झंडी दे दी है।
*उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972 में 'जूनियर बेसिक स्कूल' और 'जूनियर हाई स्कूल' परिभाषित नहीं किया गया था।*
*अध्यादेश के माध्यम से यह दुविधा दूर की गई है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि 'जूनियर बेसिक स्कूल' का तात्पर्य बेसिक स्कूल से है, जिसमें कक्षा पांच तक की शिक्षा दी जाती है।*
*'जूनियर हाई स्कूल' का तात्पर्य उस बेसिक स्कूल से है, जिसमें छठवीं से आठवीं कक्षा तक शिक्षा दी जाती है। वहीं, 'उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल (अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन का भुगतान) अधिनियम 1978 में भी 'जूनियर हाई स्कूल' को परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार'जूनियर हाई स्कूल' का तात्पर्य हाई स्कूल या इण्टरमीडिएट कालेज से भिन्न ऐसी संस्था से है, जिसमें छठवीं से आठवीं कक्षा तक शिक्षा दी जाती है। राज्यपाल की मंजूरी के लिए अध्यादेश मंगलवार को भेजा गया था।
बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972 में भी यही दिया हैं