सीटेट का पेपर आउट कराने वाला कोचिंग संचालक गिरफ्तार
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) का पेपर आउट कराने वाले गिराहे में शामिल लखनऊ के कोचिंग संचालक डॉ. अमित सिंह को एसटीएफ ने मंगलवार शाम गिरफ्तार किया। आरोपी के मोबाइल से सीटेट के प्रश्न पत्र समेत अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। बुधवार को आरोपी को जेल भेजा गया।
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) का पेपर आउट कराने वाले गिराहे में शामिल लखनऊ के कोचिंग संचालक डॉ. अमित सिंह को एसटीएफ ने मंगलवार शाम गिरफ्तार किया। आरोपी के मोबाइल से सीटेट के प्रश्न पत्र समेत अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। बुधवार को आरोपी को जेल भेजा गया।
प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में 28 दिसंबर से सीटेट का आयोजन हो रहा है। इसी बीच मंगलवार को मेरठ में परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले मेरठ एसटीएफ ने रोहतक निवासी सोमवीर और मथुरा के महक सिंह को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ एसएसपी के मुताबिक दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि इंदिरानगर निवासी डॉ. अमित सिंह ने उन्हें प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए थे। प्रश्न पत्रों को वे मेरठ बेचने पहुंचे थे। दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन से अमित के बारे में कई अहम जानकारियां मिलीं। इसके बाद मंगलवार देर शाम कलेवा चौराहा, इंदिरानगर से अमित को गिरफ्तार किया गया।
ढाई-ढाई लाख में बेचे प्रश्न-पत्र
पूछताछ में अमित ने बताया है कि उसके गिरोह के लक्ष्मी सिंह व विनायक राय ने प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराए थे। उसने प्रश्न पत्र महक सिंह, सोमवीर व कई अन्य लोगों को ढाई-ढाई लाख रुपये में बेचे थे। रकम का लेनदेन नकद में किया गया, जिससे कि वे पकड़े न जा सके। पूछताछ में गिरोह के विवेक शर्मा, विक्की और पारितोष तिवारी के नाम भी सामने आए हैं। एसटीएफ इन सभी की तलाश कर रही है। साथ ही लेनदेन के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।
ये बरामद
तीन मोबाइल, 137 प्रश्न पत्र, 28 प्रवेश पत्र, पांच चेक, चार पासबुक व एक लैपटॉप।
सौ से अधिक लोगों को बेचा प्रश्नपत्र, मोबाइल डाटा कर दिया था डिलीट
सीटेट का प्रश्नपत्र लीक कराने वाले गिरोह ने सौ से अधिक लोगों को प्रश्नपत्र बेचा है। शुरुआती जांच में मिली यह संख्या अभी बढ़ सकती है। गिरोह में शामिल कोचिंग संचालक अमित सिंह को जब यह भनक लगी कि एसटीएफ उस तक पहुंच सकती है। तो उसने मोबाइल का डाटा डिलीट कर दिया। हालांकि उसके दूसरे मोबाइल से एसटीएफ ने डाटा जुटा लिया। इसमें प्रश्नपत्र और कई अहम साक्ष्य हैं।
एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक अमित सिंह के पास सभी प्रश्नपत्र व्हाट्सएप के जरिए भेजे गए। उसके जिस मोबाइल के व्हाट्सएप पर पहले प्रश्नपत्र आए, अमित ने उसे दूसरे मोबाइल के व्हाट्सएप पर उसे भेज दिया। उसने 13 जनवरी को पहले वाला मोबाइल फॉर्मेट कर दिया। जब अमित को पकड़ा गया तो उसके पहले वाले मोबाइल में कुछ नहीं मिला। कोई डाटा न मिलने पर शक गहराया। सख्ती से पूछताछ में उसने दूसरा मोबाइल एसटीएफ को सौंपा। उस मोबाइल पर लीक प्रश्नपत्र से लेकर अन्य साक्ष्य मिलते गए।
सिर्फ व्हाट्सएप कॉल पर करते थे बात
एसटीएफ की जांच में पता चला कि आरोपी एक-दूसरे के संपर्क में हैं लेकिन बातचीत का कॉल रिकॉर्ड नहीं मिला। व्हाट्सएप कॉल लॉग से पता चला कि सभी सिर्फ व्हाट्सएप कॉल के जरिए बातचीत करते थे। इन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखे थे। जिस पर प्रश्नपत्र शेयर किए थे।
इसी तरह फंसाते थे विद्यार्थियों को
अमित कॉमर्स से पीएचडी है और ‘द मास्टर हब’ नाम से कोचिंग चलाता है। उसने बताया कि कोचिंग चलाने की वजह से वह विद्यार्थियों के संपर्क में रहता है। वह उनको विभिन्न परीक्षाओं का प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का लालच देता था। जो जाल में फंसता है, उससे मोटी रकम वसूल कर प्रश्नपत्र उपलब्ध करा देता था। गिरोह काफी समय से प्रश्नपत्र लीक कराने का धंधा कर रहा है।
जिन-जिन अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र मिले हैं, होगी पूछताछ
आरोपी अमित के पास से 28 अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र मिले हैं। एसटीएफ को आशंका है कि ये वे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने अमित से प्रश्नपत्र के लिए डील की थी। ऐसे में एसटीएफ इन अभ्यर्थियों से पूछताछ करेगी। जिनके खिलाफ साक्ष्य होंगे, उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।
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