स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल होगी मोटे अनाज की जानकारी


लखनऊ। प्रदेश में मोटे अनाज के उत्पादन व उपयोग को बढ़ावा देने विकास खंड और गांवों के लिए संबंधित जानकारी को बेसिक शिक्षा परिषद और माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को भी मोटे अनाज से बने पुष्टाहार दिए जाएंगे।

दरअसल, राज्य सरकार ने हर स्तर पर मोटे अनाज (मिलेट्स) के तहत ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, काकुन, रागी, कुटकी, चेना, कुट्टू और चौलाई के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई है मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की पहल पर बनाई गई योजना में अधिकांश विभागों की भूमिका भी तय की गई है।

योजना के तहत मोटे अनाज की विभिन्न फसलों, उनके उत्पाद और पोषण के महत्व को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। खाद्य एवं रसद विभाग को मोटे अनाज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने और उसके भंडारण की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं उचित मूल्य की दुकानों पर वितरित होने वाले राशन में मोटे अनाज को करने की योजना है।

विकास खंड और गांवों में खोले जाएंगे स्टोर
ग्राम्य विकास विभाग विकास खंड और गांवों में अन्य सार्वजनिक स्थलों पर मोटे अनाज के आउटलेट और दुकानें स्थापित करेगा। महिला स्वयं सहायता समूह के जरिये भी मोटे अनाज के उत्पाद तैयार कराए जाएंगे। इस समूह की ओर से आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए तैयार किए जा रहे पुष्टाहार भी मोटे अनाज से बनाए जाएंगे।

बीज निगम उपलब्ध कराएगा प्रमाणिक बीज

मोटे अनाज के बीज उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बीज विकास निगम को सौंपी गई है। खेतों में फील्ड डे का आयोजन किया जाएगा। कृषक उत्पादन संगठनों के जरिये मोटे अनाज के बीज उत्पादन के लिए सीड मनी उपलब्ध कराई जाएगी। मिलेट्स प्रसंस्करण की स्थापना के लिए कृषि विश्वविद्यालय को शत प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।


किसानों के प्रशिक्षण टूल तैयार किए जाएंगे

रहमान खेड़ा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान के जरिये मोटे अनाज की उन्नत खेती और किसानों के प्रशिक्षण के लिए टूल तैयार किए जाएंगे। कृषक उत्पादन संगठनों के सदस्यों का प्रशिक्षण भी कराया जाएगा। कृषि विवि मोटे अनाज की उन्नत खेती का प्रदर्शन कर कृषकों को प्रशिक्षित करेंगे। बीज का उत्पादन करेंगे।

मोटे अनाज की खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित होगी

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मोटे अनाज की खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करेगा। कृषि विपणन विभाग मोठे अनाज के उत्पादों के आउटलेट और स्टोर स्थापित करेगा। वहीं मंडियों में विक्रम स्थल का आवंटन किया जाएगा।

प्रमुख उत्पादक क्षेत्र मोटे अनाज में यहां ज्वार और बाजरा की पैदावार होती है। बाजरा आगरा, बदायूं, अलीगढ़, फिरोजाबाद, संभल, हाथरस, एटा, मथुरा, कासगंज और इटावा की फसल है। वहीं, ज्वार बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, कानपुर देहात कानपुर नगर, फतेहपुर, कौशांबी, रायबरेली, जालीन, सोनभद्र और जौनपुर की प्रमुख फसल है।