सिद्धार्थनगर। बच्चों के लिए सबसे पहला स्कूल उसका घर परिवार ही होता है, जहां बच्चे हंसने रोने बोलने के साथ ढेर सारे संस्कार भी सीखते हैं। इसलिए माता पिता और परिजनों को घर को ही प्राथमिक पाठशाला मानते हुए बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार करना
चाहिए ये बातें बीईओ धर्मेंद्र कुमार पाल ने बीआरसी नौगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में कही।
हमारा आंगन, हमारे बच्चे' कार्यक्रम में बीईओ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राथमिक विद्यालयों में प्री प्राइमरी एवं बाल वाटिका के तहत तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को कक्षा एक में दाखिले से पूर्व की तैयारी पूर्ण मनोयोग से करने की प्रेरित किया।