*ग्रेच्युटी भुगतान के सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन के सम्बन्ध में शासन का भुगतान हेतु सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को आदेश जारी।*
... कोर्ट के आदेश के बाद निधन के सालों बाद परिजनों को मिलेगी ग्रेच्युटी, 630 मृत शिक्षकों के आश्रितों को होगा भुगतान
■ मृत्यु से पूर्व सेवानिवृत्ति का नहीं दिया था विकल्प
■ 630 मृत शिक्षकों के आश्रितों को होगा भुगतान
प्रयागराज । परिषदीय शिक्षकों के निधन के सालों बाद उनके आश्रितों को ग्रेच्युटी मिलने के आदेश हुए हैं। हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में शासन के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी ने 10 जनवरी को प्रदेशभर के 630 मृत शिक्षकों के ग्रेच्युटी भुगतान के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किए हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। नियम यह है यदि कोई शिक्षक 60 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प देता है तो उसे ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है लेकिन यदि 62 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प देता है तो ग्रेच्युटी नहीं मिलती।
तमाम शिक्षक ऐसे थे जिन्होंने 60 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं दिया था और उनका निधन हो गया। ऊषा रानी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे प्रकरण में ग्रेच्युटी भुगतान के आदेश दिए थे। जिसके बाद हाईकोर्ट में सैकड़ों याचिकाएं हो गई और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने ग्रेच्युटी भुगतान के आदेश दिए हैं।
केस 1
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बरौना सैदाबाद के शिक्षक शिव श्याम का निधन 30 अक्तूबर 2013 को हो गया था। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शिव श्याम की पत्नी माधुरी देवी को पारिवारिक पेंशन, जीपीएफ आदि का भुगतान तो कर दिया, लेकिन ग्रेच्युटी देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया गया की मृतक ने 60 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं दिया था। इसके खिलाफ माधुरी देवी ने याचिका की तो हाईकोर्ट ने 20 मई 2022 को ग्रेच्युटी भुगतान का आदेश दिया।
केस 2
शोभा सिंह के पति पूर्व माध्यमिक विद्यालय वैदवार कोरांव में प्रधानाध्यापक थे। उनका निधन तीन जून 2019 को हो गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी भुगतान तो कर दिया लेकिन विकल्प के अभाव में ग्रेच्युटी देने से इनकार कर दिया। शोभा की याचिका पर हाईकोर्ट ने 28 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट के ऊषा रानी मामले का हवाला देते हुए ग्रेच्युटी भुगतान के आदेश दिए थे।