लखनऊ राज्य की सरकारें अब मनमाने तरीके से आईएएस अफसरों को राज्यों में सालों-साल तक नहीं रोक पाएंगी। अधिकतम सात साल की सेवा पूरी करने वालों को उनके मूल कॉडर वाले राज्यों को वापस भेजना होगा।
केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस संबंध में राज्यों को निर्देश भेजा है।
राज्यों में प्रतिनियुक्ति पाने के लिए आईएएस अफसर को उस राज्य का मूल निवासी होना चाहिए। इसके आधार पर वह डीओपीटी से अपने राज्य में जाने का अनुरोध कर सकता है। इसके लिए दोनों राज्यों का सहमति पत्र होना चाहिए। इसके आधार पर डीओपीटी फैसला करता है। डीओपीटी की अनुमति के बाद संबंधित आईएएस को राज्यों में प्रतिनियुक्ति पर तय अवधि के लिए भेजा जाता है। इसके बाद भी कुछ आईएएस सालों-साल अपने मूल कॉडर वाले राज्यों में वापस नहीं जाते हैं।
क्या है व्यवस्था
केंद्रीय कार्मिक विभाग (डीओपीटी) की व्यवस्था के मुताबिक कोई भी आईएएस दूसरे राज्यों में अधिकतम सात साल तक ही रह सकता है। इसके बाद भी दूसरे राज्यों में जाने वाले अफसर जल्द वापस आना नहीं चाहते हैं। इसलिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर राज्यों से आईएएस अफसर नहीं जा पाते हैं। डीओपीटी ने हाल ही में इस संबंध में राज्यों को निर्देश भेजा है कि तय समय सीमा पूरी करने वाले आईएएस अफसरों को उनके मूल कॉडर वाले राज्यों में भेजा जाए।
यूपी से राज्यों में जाने वाले आईएएस अधिकारी
डा. शनमुगा सुंदरम विकास आयुक्त एमईपीजेड चेन्नई 18 जनवरी 2019
गोविंदराजू एनएस नियंत्रक, अंतरिक्ष उड़ान केंद्र बेंगलुरु 25 नवंबर 2022
डा. ऋषिकेश भास्कर महाराष्ट्र प्रतिनियुक्ति पर 19 मार्च 2018
नवीन कुमार जीएस आंध्र प्रदेश प्रतिनियुक्ति पर 21 जनवरी 2020
के विजेंद्र पांडियन तमिलनाडु प्रतिनियुक्ति पर 28 जुलाई 2021
राहुल पांडेय जम्मू-कश्मीर 11 फरवरी 2021
कृतिका ज्योतस्ना जम्मू-कश्मीर 11 फरवरी 2021
● अंजनेय कुमार सिंह सिक्किम कॉडर के आईएएस हैं और फरवरी 2015 में यूपी आए हैं
● श्रुति सिंह छत्तीसगढ़ कॉडर की आईएएस हैं और सितंबर 2017 में यूपी आई हैं