जिले में 132 स्कूल भवनों के निर्माण को मिली मंजूरी,नहीं खुलेगा नया स्कूल


प्रतापगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूल भवन का निर्माण कराने की जिम्मेदारी अब शिक्षकों को नहीं दी जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष में 132 स्कूलों का भवन बनाने की स्वीकृति शासन से मिल गई है। मगर इन भवनों को लोक निर्माण विभाग, आरईएस के माध्यम से बनाया जाएगा। दरअसल में शिक्षक भवन निर्माण में व्यापक अनियमितता बरतते थे। इस पर रोक लगाने के लिए शासन ने नई पहल की है।


जिले के जिन प्राइमरी और मिडिल स्कूलों का भवन जर्जर होने के कारण जमीदोंज कर दिया गया है। उस स्थान पर नया भवन बनाया जाएगा। शासन ने 118 प्राइमरी स्कूल और 14 मिडिल स्कूलों का भवन बनाने के लिए बजट जारी कर दिया है। बीते वित्तीय वर्ष में जिले को 26 स्कूल भवन बनाने के लिए धनराशि मिली हुई थी, मगर इस वर्ष 132 स्कूलों को नया भवन देने के लिए बजट आवंटित किया गया है। प्राइमरी स्कूल का भवन 15.14 लाख रुपये और मिडिल स्कूल के लिए 28.22 लाख रुपये प्रति स्कूल जारी किए गए हैं। इसमें लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड को 31, लोक निर्माण विभाग खंड दो को 30, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग 44, समाज कल्याण निर्माण निगम को 10, कांस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज यूनिट दस को 17 स्कूलों का भवन निर्माण कराने की जिम्मेदारी दी गई है। अभी तक स्कूल भवन निर्माण की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी जाती थी। पिछले वर्ष 26 स्कूल भवन निर्माण कराने के लिए बजट मिला था। मगर अभी तक एक भी भवन का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। गौरा विकास खंड के प्राइमरी स्कूल नई कोट भवन निर्माण में अनियमितता बरतने पर भवन प्रभारी प्रवीण तिवारी को निलंबित कर दिया गया है।


नहीं खुलेगा नया स्कूल
बेसिक शिक्षा विभाग ने जो योजना बनाई है, उसके मुताबिक अब जिले में नया प्राइमरी स्कूल नहीं खुलेगा। जो स्कूल भवन जर्जर हो गए हैं, उनके स्थान पर नया भवन बनाया जाएगा। विभाग ने जर्जर स्कूल भवनों को चिंहित कर करके जमीदोंज किया जा रहा है। हालांकि जर्जर भवनों की नीलामी में आने वाला धन अभी सुरक्षित रखा गया है।

स्कूल भवनों का निर्माण अब पीडब्लूडी और आरईएस को सौंपा गया है। शिक्षकों को भवन निर्माण से मुक्त करने से पठन-पाठन में अब कोई व्यवधान नहीं होगा। शिक्षकों से अब पठन- पाठन का ही कार्य लिया जाएगा। प्रदीप कुमार यादव, डीसी, निर्माण, बेसिक शिक्षा विभाग