दोपहर 12: 45 तक नहीं पहुंचे शिक्षक, वेतन रोका

लखीमपुर। बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक से लेकर बीएसए तक स्कूल में शिक्षकों की समय से उपस्थिति में लगे हैं, लेकिन शिक्षकों की मनमानी के कारण स्कूलों की दशा नहीं सुधर रही है। शिक्षकों की मनमानी से पूरी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। डीडीओ ने नकहा ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल बेड़नापुर का दोपहर 1245 बजे निरीक्षण किया। पता चला कि स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं है। 50 बच्चे स्कूल में बैठे मिले। रसोइयों ने बताया कि शिक्षिका ने फोन कर कहा था कि बच्चों को खाना खिलाकर भेज देना। ऐसे में कैसे स्कूलों की स्थिति सुधरेगी। जिला विकास अधिकारी की निरीक्षण आख्या पर बीएसए ने प्रधानाध्यापिका सहित पूरे स्टाफ का वेतन रोक दिया है।


जिला विकास अधिकारी अरविन्द कुमार ने बताया कि प्रेरणा एप पर स्कूलों का निरीक्षण करना होता है। 18 जनवरी को नकहा ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल बेड़नापुर पहुंचे तो यहां 50 बच्चे उपस्थित मिले। प्रधानाध्यापक अनीता, सहायक शिक्षिका निधि व जोया अनुपस्थित मिली। स्कूल में रसोइया मौजूद मिलीं। डीडीओ ने इस पर नाराजगी जताई। बीएसए से बात की। रसोइया ने बीएसए को फोन पर बताया कि शिक्षिका ने कहा था कि बच्चों को खाना खिलाकर भेज देना। तीन शिक्षिकाओं में से एक भी शिक्षिका के उपस्थित न होने पर डीडीओ ने सख्त कार्रवाई की संस्तुति की। बीएसए डॉ.लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने बताया कि जिला विकास अधिकारी की निरीक्षण आख्या पर स्कूल में तैनात प्रधानाध्यापिका सहित तीनों शिक्षिकाओं का वेतन रोक दिया गया है। स्पष्टीकरण भी तलब किया है। उन्होंने बताया कि यह स्थिति अत्यंत खेदजनक है। शिक्षकों को सोचना चाहिए कि गांव के बच्चों का भविष्य उनके कंधे पर है। सरकार वेतन देती है इसके बाद भी शिक्षक मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लगातार निरीक्षण कराया जाता है इसके बाद भी शिक्षक लापरवाही कर रहे हैं।