लखनऊ। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक संघ के संगठन मंत्री सुशील सिन्हा ने कक्षा एक से आठ तक के लाखों अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बंद करने के सरकार को निर्णय को अन्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि योजना बंद करने के पीछे का आरटीई का तर्क निराधार है। वह बुधवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने तर्क दिया गया है कि इन बच्चों को निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के तहत मिड डे मिल, मुफ्त पुस्तक व परिधान आदि सुविधाएं दी जाती हैं। इसलिए छात्रवृत्ति बंद की जा रही है। उन्होंने इसे झूठ करार देते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि आरटीई योजना की सहयोग राशि का कई वर्षों से भुगतान न होने से यूपी के विद्यालयों का 1200 करोड़ रुपये बकाया हो है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने सरकार को फर्जी आंकड़े देकर बच्चों से अन्याय किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से चालू शैक्षिक सत्र में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान करने और भविष्य में योजना के संबंध में फैसला लेने में संगठन से वार्ता करने का। अनुरोध किया। इस मौके पर जयकरन यादव, अशोक सिंह, राम मिलन, मोहम्मद रईस आदि मौजूद रहे।