डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में बीएड 2012-13 के गुम चार्ट की आंतरिक जांच शुरू हो गई है। कुलपति ने कुलसचिव की निगरानी में समिति बनाई है। ये समिति चार्ट और फॉइल की खोज करेगी, जिसे मामले की जांच कर रहे सेवानिवृत्त जज के सुपुर्द किया जाएगा।
कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि बीएड 2012-13 फर्जीवाड़े की जांच सेवानिवृत्त जज कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट बीते दिनों कार्य परिषद की बैठक में रखी थी। इसमें सेवानिवृत्त जज ने बीएड के इस सत्र के गोपनीय चार्ट और फॉइल न मिलने के कारण कुछ बिंदु जांच से रह जाने के बारे में जानकारी दी थी। इससे उनकी जांच अधूरी है। ऐसे में इन चार्ट को खोजने के लिए समिति बनाई गई। ये चार्ट कहां हैं, उस दौरान गोपनीय-चार्ट रूम में किसकी जिम्मेदारी थी। इन तमाम पहलुओं पर जांच करते हुए समिति रिपोर्ट देगी। चार्ट और फॉइल मिलने के बाद सेवानिवृत्त जज के सुपुर्द किए जाएंगे। अगर चार्ट और फॉइल नहीं मिलते हैं, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्राप्तांक से अधिक दर्ज कर दिए थे अंक
बीएड के 2012-13 सत्र में 200 कॉलेजों के 18 हजार से अधिक छात्रों का मूल्यांकन हुआ। इसमें निजी कॉलेजों से सांठगांठ करने के बाद पैनल में शामिल वरिष्ठ प्रोफेसरों ने अधिकारियों की मिलीभगत से साढ़े छह हजार से अधिक छात्रों को प्राप्तांकों के मुकाबले दोगुना तक अंक दे दिए। फर्जीवाड़ा पकड़ में न आए, इसके लिए चार्ट और फॉइल भी गायब कर दिए थे। मामला खुलने पर 2015-16 में सेवानिवृत्त जज इसकी जांच कर रहे हैं।
छह सत्रों की आपत्तियों का ऑडिट करेगी समिति
आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने समपरीक्षा वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक की आपत्तियों के निस्तारण और ऑडिट करने के लिए समिति बनाई है। इसमें पांच सदस्य हैं, जो भुगतान समेत अन्य समस्याआें का निस्तारण करेगी। इस समिति का गठन करने का निर्णय कार्य समिति की बैठक में हुआ था। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि समिति में वित्त अधिकारी सत्येंद्र कुमार, सहायक कुलसचिव ममता सिंह, डॉ. रोशन लाल, प्रो. मनुप्रताप सिंह और चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। लेखा विभाग इनका सहयोग करेगा।