लखनऊ। हाईकोर्ट के आदेश के बाद उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव या अन्य गैर विभागीय ड्यूटी न लगाने को कहा है। इस संबंध में आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने सभी डीएम को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट के निर्णय का अक्षरशः पालन किया जाए।
पत्र में बच्चों के पोषण के लिए संचालित कार्यक्रमों का हवाला दिया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 1.88 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इसके माध्यम से करीब डेढ़ करोड़ बच्चों और 40 लाख गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य व पोषण की निगरानी की जा रही है। इसके लिए सरकार ने साढ़े तीन लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को नियुक्त कर रखा है।
वहीं, खाद्य सुरक्षा अधिनियम में साल में कम से कम 300 दिन आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित करने का प्रावधान है। लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के गैर विभागीय और चुनाव संबंधी कार्यों में ड्यूटी लगाने से पोषण कार्यक्रम बाधित हो जाता है.
इसे देखते हुए आयोग ने सभी डीएम से बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए सरकारी निर्देशों व अदालती आदेशों का कड़ाई से पालन कराने का अनुरोध किया है। साथ ही इस संबंध में की गई कार्यवाही से आयोग को भी अवगत कराने को कहा है।