एक दशक बाद प्राइमरी शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। जल्द ही प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को प्रोन्नति दी जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। वहीं जूनियर स्कूल के शिक्षकों की प्रोन्नति पर निर्णय के लिए हाईकोर्ट में सरकार मजबूत पैरवी करेगी। इस निर्णय से तीन लाख से ज्यादा शिक्षकों को लाभ मिलेगा।
तीन लाख से ज्यादा शिक्षक है प्रोन्नति की राह में परिषदीय स्कूलों में 3.67 लाख शिक्षक और 70 हजार प्रधानाध्यापक हैं। आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में जिलावार प्राइमरी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
इस बीच कई प्राइमरी व जूनियर स्कूलों का आपस में संविलियन कर दिया गया है लिहाजा प्रधानाध्यापकों के नए पदों की गणना की जा रही है। वहीं शिक्षकों की संख्या आरटीई के मुताबिक तय की जाएगी यानी बच्चों की संख्या के हिसाब से ही शिक्षकों की संख्या तय होगी। एक दशक से ज्यादा समय से कोर्ट केस होने के कारण प्रोन्नतियां रुकी हुई थीं।
सेवाकाल के तीन वर्ष पूरा होने पर ही प्रोन्नति
प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों की पदोन्नति प्राइमरी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों व जूनियर स्कूल के शिक्षकों के पद पर होती है। वहीं जूनियर स्कूलों के शिक्षकों को जूनियर स्कूल के प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नत किया जाता है। जूनियर स्कूल में सीधी भर्ती और प्रोन्नति से आए शिक्षकों के बीच ज्येष्ठता का विवाद है। 2013 में 29334 गणित व विज्ञान के शिक्षकों की सीधी भर्ती हुई थी। शिक्षकों को अपने सेवाकाल का तीन वर्ष पूरा करने के बाद ही प्रोन्नति दी जाती है। सरकार इसमें दोनों ही काडरों को एक समान मान रही है। बेसिक शिक्षा परिषद में हर अधिकारी-कर्मचारी के लिए मानक तय किए जाते हैं। इन्हीं मानकों पर नंबर दिए जाते हैं और इसी आधार पर पदोन्नति व तबादले का नियम है।